नितीश मिश्रा, राँची
राँची (ख़बर आजतक) : आजसू पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने धनबाद जिले के बाघमारा थाना क्षेत्र के केसरगढ़ा में हुए अवैध कोयला खनन के दौरान चाल धंसने की घटना को लेकर राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि इस घटना में कोयला माफिया के दबाव में पुलिस–प्रशासन पूरी तरह नतमस्तक दिखाई दिया।
प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि घटना के 24 घंटे बाद तक कोई बचाव कार्य शुरू नहीं हुआ था। लेकिन जब आजसू सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी घटनास्थल पर पहुँचे और फिर बाघमारा थाना में धरने पर बैठ गए, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश में था।

उन्होंने यह भी बताया कि जब सांसद चन्द्रप्रकाश चौधरी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे थे, उस वक्त कोयला माफिया के गुर्गों ने सांसद की घेराबंदी और विरोध का प्रयास किया, जिसे आजसू कार्यकर्ताओं ने विफल कर दिया।
प्रवीण प्रभाकर ने आरोप लगाया कि राज्य में पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में रात के अंधेरे में अवैध कोयला खनन जोरों पर है, जिससे आम जनता को जान की कीमत चुकानी पड़ रही है। हादसों के बाद शवों को छिपाने जैसे अमानवीय कृत्य किए जाते हैं और सरकार मूकदर्शक बनी रहती है।
उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले बाघमारा थाना क्षेत्र में माफिया तत्वों ने डीएसपी पर हमला, सांसद कार्यालय में आगजनी, और रामगढ़ के करमा प्रोजेक्ट में 4 मजदूरों की मौत जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद प्रशासन माफिया तत्वों के आगे झुका नजर आता है।
प्रवीण प्रभाकर ने राज्य सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि कोयला माफिया पर सख्त कार्रवाई, पीड़ितों को मुआवजा, और अवैध खनन पर पूर्ण रोक लगाई जाए, ताकि और लोगों की जान न जाए।