प्रशांत अम्बष्ठ, गोमिया
गोमिया (ख़बर आजतक) : एक तरफ झारखंड सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सुविधा पहुंचाने का वादा करती है, और वहीं दूसरी तरफ आदिवासियों के गांव हरलाडीह के ग्रामीण पेयजल की गंभीर समस्या से जूझते दिखाई पड़ रहे हैं। हालांकि, सरकार द्वारा “हर घर नल जल योजना” जैसी पहलें की गई हैं, लेकिन कई जगहों पर आज भी जमीनी स्तर में यह योजना सफल नही हो पाई है। और कहीं यह योजना दिखाई भी पड़ती है तो, उन जगहों में इन योजनाओं का कार्यान्वयन और रखरखाव एक चुनौती बनी हुई है।
आपको बता दें कि गोमिया प्रखंड क्षेत्र के टिकाहारा पंचायत स्थित आदिवासियों के गांव हरलाडीह के ग्रामीण पेयजल की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। ग्रामीण, खेत के किनारे बने चुएं के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं।
इस संबंध में ग्रामीण नन्दकिशोर मुर्मू सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि हरलाडीह गांव में चार टोला है। गांव में लगभग एक सौ घर है। गांव में चापानल नही है। एक-दो पुराने कुंए है, लेकिन उस कुएं का पानी पीने योग्य नहीं है, जिस कारण यहां के लोग गांव से कुछ दूरी पर खेत के किनारे बने चुएं के पानी से अपनी प्यास को बुझाने के लिए मजबूर हैं। बताया कि टिकाहारा पंचायत की मुखिया भी अनदेखी करते हुए हमारी बातों को ध्यान नहीं देती है, क्योंकि चुनाव के बाद वे हमारे गांव कभी आई ही नही है। प्रखंड मुख्यालय भी हमारे गांव से काफी दूर है। वहां तक जाने का कोई उचित साधन भी नही है। आखिर हम अपने दुखड़े को किन्हें सुनाएं। ग्रामीणों ने बताया कि थक-हारकर हमलोगों ने समस्या से ही समझौता कर लिया है। हालांकि इस संबंध में मुखिया प्रतिनिधि विनोद कुमार ने बताया कि पेयजल के लिए सोलर युक्त जलमीनार और कुएं की व्यवस्था गांव में दी गई है, इसके बाद भी गांव में और भी चापानल लगवाने के लिए प्रयासरत हूं। वहीं इस संबंध में विभाग के कनीय अभियंता रोहित मंडल ने कहा कि बरसात के बाद हरलाडीह गांव में चापानल लगवा दिया जायेगा।