बजट को रोजगार और कौशल प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए: जोसेफ मरियानुस कुजूर
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): एक्सआईएसएस में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पर पैनल चर्चा आयोजन ऑडिटोरियम में सोमवार को किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन एक्सआईएसएस के मार्केटिंग मैनेजमेंट प्रोग्राम एवं क्लब मार्कबज्ज़ के द्वारा एक्सआईएसएस के फैकल्टी और स्टूडेंट्स के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, कृषि, सामाजिक क्षेत्र आदि क्षेत्रों में बजट के विवरण पर आयोजित किया गया।
इस चर्चा की शुरुआत करते हुए संस्थान के निदेशक डॉ जोसफ मारियानुस कुजूर एसजे ने अपने स्वागत भाषण में उन्होंने विकसित भारत के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री के नारे – सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्व और सबका प्रयास पर जोर दिया। उन्होंने पूंजीगत व्यय परिव्यय पर संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास के लिए व्यापक कर सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने बजट में बताए गए दो और बिंदुओं पर फोकस किया और कहा कि अगले वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 5.1% है लेकिन आलोचक ऐसे उच्च घाटे की स्थिरता और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।
उन्होंने सामाजिक न्याय और आदिवासी मामलों, आदिवासी उपयोजना के संबंध में आवंटन के बारे में भी बात की क्योंकि यह आदिवासी विकास, आदिवासियों की शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में कहा कि बजट 2024 को रोजगार और कौशल प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
इस चर्चा की शुरुआत स्टूडेंट टीम की पैनल चर्चा से हुई। फाइनेंस मैनेजमेंट से अभिनव विजय और अनुभव यश ने इंफ्रास्ट्रचर पर बजट पर चर्चा किया। ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एचआरएम) की श्रेया समुई और सिमरन छाबड़ा की टीम ने समाज कल्याण पर – समावेशी विकास, कृषि क्षेत्र के लिए डिजिटल बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्टर, हरित विकास और युवा शक्ति पर चर्चा की। मार्केटिंग मैनेजमेंट के सत्यम कुमार और अंजलि गुप्ता ने इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश पर चर्चा किया और अंत में रूरल मैनेजमेंट की सादिया और धनेश गोप की टीम ने शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर चर्चा किया।
इस कार्यक्रम में आगे फैकल्टी पैनल चर्चा में मार्केटिंग के डॉ अमर तिग्गा, डीन अकादमिक ने पूंजी निवेश पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि बजट में आगामी रोजगार के अवसरों की कमी है जबकि एक सबसे आकर्षक बात यह है कि इसमें इनोवेशन और टेक्नोलॉजी के लिए काफी धन आवंटित किया गया है। प्रो डॉ रमाकांत अग्रवाल ने इस बात पर जानकारी दी कि बजट विकास, रोजगार और मुद्रा विस्तार उन्मुख है।
प्रोफेसर डॉ अरुप मुखर्जी ने जीएसटी पर जानकारी दी और कहा कि विकसित भारत तभी संभव है जब लोग विकसित होंगे। अंत में प्रो डॉ निरंजन साहू ने बजट में जलवायु पहलू और सतत विकास दृष्टिकोण पर बात की। ईवी, सौर और पवन ऊर्जा, एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए आवंटित बजट की सराहना की।
इस सत्र का समापन बजट पर आधारित ओपन हाउस क्विज़ और स्टूडेंट पैनल की विजेता टीम श्रेया समुई और सिमरन छाबड़ा को सर्टिफिकेट और कैश प्राइज देने के साथ हुआ। वहीं कार्यक्रम का समापन सहायक निदेशक, डॉ प्रदीप केरकेट्टा एसजे ने अपने संबोधन के साथ किया, उन्होंने कहा कि बजट की उपलब्धता तो अच्छी है, लेकिन इसकी पहुँच अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लोगों के सामाजिक न्याय के पक्ष में है। यह सीखने के लिए एक विचार-मंथन सत्र था और उन्होंने छात्रों को सीखना जारी रखने पर जोर दिया।
इस चर्चा के समापन पर अतिथि वक्ताओं को स्मृति चिन्ह दिया गया।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स को प्रमाण पत्र दिया गया।
वहीं पूरी चर्चा का संचालन डॉ भभानी प्रसाद महापात्रा, प्रमुख, मार्केटिंग मैनेजमेंट प्रोग्राम और क्लब मार्कबज़ के छात्रों ने किया।