तेनुघाट (ख़बर आजतक): पिट्स मॉडर्न हाई स्कूल, गोमिया की कक्षा 9 की छात्रा आरोही रानी की एनसीसी कैंप हजारीबाग में लापरवाही के चलते हुई मौत से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है। इस दुखद घटना के बाद अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश मछुआ शुक्रवार को मृतका के परिजनों से मिलने पहुंचे और शोक-संतप्त परिवार को ढाढ़स बंधाया।

परिजनों ने बताया कि 19 मई को स्कूल प्रबंधन द्वारा छात्रा को एनसीसी ट्रेनिंग कैंप के लिए हजारीबाग भेजा गया था। आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को वहां छोड़ दिया और कोई शिक्षक देखरेख के लिए मौजूद नहीं था। 21 और 22 मई से छात्रा की तबीयत बिगड़ती गई, लेकिन किसी भी जिम्मेदार व्यक्ति की गैर-मौजूदगी के चलते समय रहते इलाज नहीं मिल सका।
बाद में गंभीर स्थिति में 23 मई को हजारीबाग से ऑक्सीजन सपोर्ट पर छात्रा को रांची स्थित ऑर्किड हॉस्पिटल लाया गया, जहां 29 मई को छात्रा की मौत हो गई।
मृतका के पिता संतोष श्रीवास्तव, जो तेनुघाट पंचायत की मुखिया नीलम श्रीवास्तव के पति भी हैं, ने आरोप लगाया कि यह पूरी तरह स्कूल प्रशासन और एनसीसी प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष कोडरमा एनसीसी कैंप में भी एक छात्र मनन श्रेष्ठ की जान पर बन आई थी, लेकिन समय रहते ऑपरेशन कर उसकी जान बचा ली गई थी।
अनुमंडल पदाधिकारी मुकेश मछुआ ने आश्वासन दिया कि
“यदि मृतक के परिवार की ओर से लिखित शिकायत प्राप्त होती है तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी, और यदि लापरवाही सामने आती है तो संबंधितों पर कार्रवाई तय है।”
घटना के बाद से क्षेत्र में एनसीसी कैंप संचालन और स्कूल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं।