नितीश_मिश्र
राँची(खबरआजतक): झारखंड विधान सभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ नाथ महतो ने नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च ऑफ लाॅ के वार्षिकोत्सव आविर्भाव में छात्रों को संबोधित किया। इस दौरान रविंद्र नाथ महतो विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित पॉलिसी मेकिंग कंपटीशन कौटिल्य में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। रविंद्र नाथ महतो ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून वास्तव में कॉमन सेंस पर आधारित होता है। यही कॉमन सेंस जब सामाजिक संव्यवहार में स्वीकार कर लिया जाता है। तब यह कानून का रूप ले लेता है। उन्होंने छात्रों से कहा कि कानून के छात्र के रुप में उन्हें हमेशा तार्किक रहना चाहिए। कोई भी निर्णय अंतिम नहीं होता और समय के साथ उस निर्णय में परिवर्तन आता है।
झारखंड विधानसभाध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने डॉक्टर अंबेडकर द्वारा संविधान सभा में दिए गए वक्तव्य की भी चर्चा अपने भाषण में की जिसमें डॉक्टर अंबेडकर ने यह कहा था कि एक वकील के रुप में उन्होंने हमेशा पीठासीन न्यायाधीश से यह कहा है कि वह उनके निर्णय को मानने के लिए बाध्य हैं परंतु यह आवश्यक नहीं कि उनके निर्णय का सम्मान भी करें। यह कानून के अंतर्गत एक वकील को दी गई आजादी है और वह यह आजादी कभी नहीं छोड़ सकते। इस कार्यक्रम में एनयूएसआरएल के कुलपति डॉ केशवा राव वराकुला भी उपस्थित थे।