रिपोर्ट : अरविंद अग्रवाल
छत्तरपुर (ख़बर आजतक) : छत्तरपुर प्रखंड के चर्चित गुलाबचंद प्रसाद अग्रवाल,सड़मा डिग्री कॉलेज के प्रांगण में कॉलेज के संस्थापक सचिव स्मृतिशेष श्रद्धेय सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल की 80वीं जयंति -सह प्रतिमा स्थापित कर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड विधानसभा के प्रथम अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। इस मौके पर प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित की। इसके पूर्व मुख्य अतिथि को झारखंडी मांदरों से विधिवत स्वागत किया गया।
डिग्री महाविद्यालय परिसर में इस अनावरण समारोह के मौके पर लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा था। इस अवसर पर उनके साथ प्रेम भसीन जी, कॉलेज सचिव अमित कुमार अग्रवाल,संतोष कुमार,सुमित्रों भट्टाचार्य, रीतू अग्रवाल,
राजहंश अग्रवाल, कॉलेज के प्राचार्य राजकिशोर लाल,पूर्व प्राचार्य जितेंद्र कुमार सहित अन्य लोगो ने भी माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि आर्पित की।
छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
आपको बता दें कि सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल ने अपने जीवन काल में एक छोटी सी कविता लिखी है वो अंतरज्ञान पर है .
….पाना है अगर पुंज प्रेम की,
अंतरज्ञान की आवाज सुदृढ़ है। एकाग्रता की पुरोहित है ध्यान,होगी दूर,सभी,अन्धकार मन की तरंगें आत्मा से निकल जा मिलेंगी,सृजनात्मक तरंगें ब्रम्हांड के तन आत्मा हो एकाकार तरंगों से, होगी उजास, खुलेगी रास्ता सृजन
प्रेम मय आत्मा होगी जब
अंतरज्ञान प्रस्फुटित होगी तब।
आत्मानंद पाओगे तुम,
आविष्कार कर पाओगे तुम।
पाना है, अगर पुंज प्रेम की
अंतरज्ञान की आवाज सुनो तुम,अंतरज्ञान की आवाज सुदृढ़ है। एकाग्रता ही आविष्कारों की रीढ़ है…
अनावरण कार्यक्रम में मौजूद प्रेम प्रकाश भसीन ने कहा कि सत्यदेव प्रसाद के प्रति उनका दिया गया योगदान आज भुलाया नहीं जा सकता है और उनकी कमी आजीवन खलती रहेगी। प्रतिमा अनावरण के मौके पर विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने स्वर्गीय सत्यदेव प्रसाद अग्रवाल के प्रति पुष्प अर्पित करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार के महाविद्यालय की स्थापना कर उन्होंने निश्चित तौर पर छत्तरपुर का मान बढ़ाया है। नामधारी ने कहा कि मैं भी समाजसेवी हूं और सत्यदेव भी समाजसेवी थे फर्क इतना था कि मैंने राजनीति में आकर समाज को सींचा और सत्यदेव अग्रवाल ने इंजियरिंग की पढ़ाई कर पूरा प्रयोजन आधुनिक समाज निर्माण शिक्षण संस्थानों में समय बिता कर अपना नाम किया है, और सत्यदेव मुझे कहता था कि छत्तरपुर इकाई में मेरी पुस्तैनी जमीन है वहां पर शिक्षण संस्थान को लेकर विचार विमर्श किया गया था आज मैं देखा तो लगा कि कोई राजा महाराजा के इलाके में आ गया हूं। आज वास्तव में शिक्षण संस्थानों का अलख जगाने में अहम भूमिका उनकी रही है। इसको और एजुकेशन हब बनाने की आवश्यकता है और उनकी सपना को पूरा किया जाना जरूरी है।
नामधारी ने कहा कि निश्चित रूप से इस महाविद्यालय के उत्थान के लिए हर संभव उनके पुत्र कॉलेज सचिव अमित कुमार अग्रवाल ने संस्थान को आगे बढ़ाने में प्रयास जरूर करेंगे। उन्होंने महाविद्यालय के प्राचार्य सहित महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षिकाओं और छात्र-
छात्राओं के स्वर्णिम भविष्य की कामना भी की। इसी कड़ी में कोरोना काल से सबंधित किताब लिखी गई थीं जो मुख्य अतिथि के द्वारा लोकार्पण किया गया और उसके बाद कॉलेज में टॉपर छात्र – छात्राओं को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो.अखिलेश कुमार सिंह ने किया। मौके पर प्रो.अमित कुमार सिंह, अपराजिता प्रकाश, इन्दु कुमारी, राजमोहन प्रसाद, सूर्योदय कुमार, मुन्नी देवी, सुनीता कुजूर, अशोक कुमार अग्रवाल, रोहित कुमार, जैलेश गुप्ता, योगेंद्र विश्वकर्मा, अरविंद कुमार, पंचम कुमार, पवन कुमार, राजेश रजक, अंजलिना खाखा, चंदा कुमारी, सुनील पासवान, सफल कुमार मेहता, सत्य कुमार, आलोक कुमार अग्रवाल, संध्या कुमारी,दीपक कुमार ,शिव कुमार, जितेंद्र कुमार, आनंद यादव,आलोक ठाकुर सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।