झारखण्ड राँची

कोयला उद्योग के चार बड़े यूनियन सीटू, इंटक, एटक और बीयुएम एस की बैठक आयोजित

अगर कोयला मंत्रालय हमारे माँगों को अस्वीकार करेगी तो पूरे देश के कोयला उद्योग में होगा वृहद आंदोलन: अनूप सिंह

रिपोर्ट : नितीश मिश्र

राँची (खबर_आजतक): कोयला उद्योग के तमाम केंद्रीय संगठन सीटू, इंटक, एटक, बीयुएमएस के अध्यक्ष सचिव और उनके प्रतिनिधि की बैठक पूर्व सांसद और वरिष्ठ यूनियन लीडर रविन्द्र कुमार की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में हुई। इस बैठक में भारत सरकार के कोयला मंत्री और कोयला राज्य मंत्री से कोयला उद्योग की समस्याओं को लेकर एक माँग पत्र तैयार किया गया। इस मौके पर बेरमो विधायक और इंटक नेता अनूप सिंह ने कहा कि कल इंडिया दो भाग में देश में काम करता है एक कोयला मंत्रालय और दूसरा कोयला कोल इंडिया काम करती है। राष्ट्रीय हित पर कोयला मंत्रालय के मंत्री और राज्य मंत्री को एक माँग पत्र सौंपेंगे।

इस बैठक में तय की गई माँग निम्न हैं:-

1) कोयला उद्योग के निजीकरण को पूरी तरह से रोका जाए।
2) एमडीआर एक्ट के अनुसार कोयला मंत्रालय कम करें।
3) कोयला रिवेन्यू शेयरिंग पर कोल माइनिंग का आवंटन कॉल इंडिया कर रही है जिसमें कोयला बेचने उसका दाम तय करने का अधिकार भी उसी कंपनी को दिया जा रहा है इसे तुरंत रोका जाए।
4) कोयला उद्योग के सीएसआर फंड में कोल इंडिया के यूनियन की भागीदारी तय हो।
5) सिक्स्थ टर्म एम्पलाई पूरी तरह से बंद हो और कोयला उद्योग के रिक्त पदों में स्थाई नियुक्ति किया जाए।
6) ठेका मजदूरों को उसके एक माह के सैलरी के बराबर बोनस की सुविधा दी जाए।
7) कोयला उद्योग के मजदूर जो किसी कारण से अस्वस्थ हो जाते हैं उनके परिवार के आश्रित आश्रितों को नौकरी देने का प्रावधान था जिसे बाद में बंद कर दिया गया उसे फिर से चालू किया जाए।
8) कोल इंडिया देश का एक नवरत्न रहा है कोल इंडिया के निर्माण में यूनियन, सरकार, रैयतों और विस्थापितों का बड़ा योगदान रहा है लेकिन उनकी नौकरी को बढ़ावा नहीं दी जाती है उसे नौकरी दी जाए। भारत सरकार ने मजदूर विरोधी लेबर कोर्ट बनाया है उसे पूरी तरह से खत्म किया जाए।
10) कांटेक्ट मजदूर जिनकी मौत होती है उन्हें मुआवजा के अतिरिक्त 40 लाख का भुगतान किया जाए।
11) कांटेक्ट सिस्टम में ठेका मजदूर वही रहना चाहिए भले ही ठेकेदार बदल जाए मजदूर नहीं बदला जाना चाहिए।
12) 1 जनवरी 2017 से ग्रेजुएटी लागू किया जाए।
13) कोयला उद्योग में जितने मजदूर पूरे देश में शामिल है सभी को सीएमपीएफ के सदस्य बनाया जाए।
14) जेबीसीसीआई कोल इंडिया के अलावा कोयला कोयला उद्योग में जितनी भी कंपनियां है उसको इसमें शामिल किया जाए।
15) इंडियन नेशनल माइंस वर्कर्स फेडरेशन जो इंटक से एफिलेटेड है उसके प्रतिनिधि को सभी कोयला उद्योग की कमेटी, सब कमेटी में शामिल किया जाए।

इस मौके पर पूर्व सांसद रविन्द्र कुमार और विधायक अनूप सिंह ने कहा कि अगर कोयला मंत्रालय हमारी माँगों को मानती है तो ठीक है और नहीं तो पूरे देश के कोयला उद्योग में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

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