सरकार की वादाखिलाफी से कैंसर से मरने के कगार पर पारा शिक्षक रामजी प्रसाद
अरविंद अग्रवाल, पलामू
छत्तरपुर (पलामू ) क्या हो जब आप अपनी जवानी का बहुमूल्य समय शिक्षक के रूप बच्चों को गढ़ने और सरकार की सेवा में बीता दें और दो दशक सेवा देने के बावजूद अगर आपको सरकार अवैध करार दे कर हटा दे तो ऐसे में इंसान टूट जाता है, कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है छतरपुर और नौडिहा बाज़ार प्रखंड में जहां के 512 पारा शिक्षकों को अवैध करार दे कर हटा दिया गया है।
उसके बाद तो पारा शिक्षकों पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है, कई पारा शिक्षक तो उस पीड़ा में काल के गाल में समा गए तो कई अर्थाभाव में तील तील कर मरने को विबश हैं। ताज़ा मामले की बात करें तो जिले के छतरपुर के लक्ष्मीनगर निवासी रामजी प्रसाद कैंसर से जूझ रहे हैं वे प्रखंड के कोकरो उत्क्रमित विद्यालय में पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे
,उनके दो बच्चे हैं एक पांच साल ओर तीन साल के हैं आपको बता दें कि रामजी प्रसाद ने 18 साल उक्त स्कूल में पारा शिक्षक के रूप में सेवा किया है और अभी फिलहाल सरकार द्वारा लगभग 13 माह से मानदेय भुगतान नहीं किया गया है। जिसके कारण गरीबी के दंश झेल रहे हैं और गंभीर स्थिति में बीमारी से पीड़ित हैं। सूचना मिलने के बाद छतरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद गुप्ता चुनमुन और स्थानीय पत्रकारों ने उनकी सुध ली तो पाया कि उनकी हालत अत्यंत खराब हो गई है, उन्हें तत्काल इलाज की जरूरत है, लेकिन उनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं है अरविंद ने लोगों से सोशल मीडिया पर मदद की अपील की है ताकि उनका इलाज सही तरीके से हो पाए, वहीं छतरपुर के ही पारा शिक्षक चंदन कुमार, प्रेम कुमार रितेश कुमार सहित अन्य शिक्षकों ने भी मदद की पहल करते हुए लोगों से मदद की अपील की है। सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द गुप्ता ने अपील करते हुए कहा है कि NPS कोकरो प्रखंड छतरपुर के सहायक अध्यापक (अवैध घोषित) रामजी प्रसाद कैंसर से पीड़ित हैं, जिसके चलते ईलाज के लिए दर दर भटक रहे हैं।