रिपोर्ट : प्रशांत अम्बष्ठ
गोमिया (ख़बर आजतक): गोमिया प्रखण्ड के सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में पिछले पखवाड़े भर से एक अच्छी बारिश का इंतजार किसान कर रहे हैं, वहीं बारिश का इंतजार कर रहे किसानों की चिंता बदलते मौसम के करवट ने बढ़ा दी है.बारिश नहीं होने के कारण कृषि प्रधान क्षेत्र गोमिया प्रखंड में धान के बिचड़े के खेतों में दरार पड़ने लगी हैं. जिसे देखकर किसानों का कलेजा फट रहा है. धान बीज बोआई के दौरान कम हुई बारिश ने अपना काम तो उस दौरान कुछ हद तक कर दिया था, लेकिन इसके बाद लगातार मौसम की बेरूखी झेल रहे किसानों की परेशानी खेतों के बीच लगातार आ रहे दरारों को देखकर बढ़ गयी है.कृषक महादेव महतो, उत्तम केसरी, दशरथ महतो, अशोक महतो का दावा है कि हफ्तेभर के अंदर यदि धान के फसलों को पानी नहीं मिला, तो फसल सूखना शुरू हो जायेगा, वहीं अकाल जैसी स्थिति से किसानों को इस बार फिर से जूझना पड़ेगा. यहां बताते चलें कि प्रखण्ड में पिछले पखवाड़े भर से एक अच्छी बारिश का इंतजार किसान कर रहे हैं, वहीं बारिश का इंतजार कर रहे किसानों की चिंता बदलते मौसम के करवट ने बढ़ा दी है.
मुखिया महादेव महतो , ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण खेत में लगाये गये बिचड़े सूख रहे हैं. मौसम में अचानक आये बदलाव के चलते दोपहर में पड़ रही तेज धूप भी फसल के लिए बहुत ज्यादा परेशानी खड़ा कर रहा है. किसान बताते हैं कि लगातार तेज धूप के चलते फसल सूखने लगी है. गोमिया, चतरो चट्टी , हुरलुंग, करी खुर्द, बडकी सीधा वारा, पचमो, सियारी, इन पंचायतों के दर्जनों गांव के अधिकांश किसानों की फसलें ऐसी स्थिति में आ गई हैं कि यदि तीन से चार दिनों में पानी नहीं मिलेगा तो किसानों की फसल पूरी तरह से सूखकर चौपट हो जाएगी.
किसानों का भी कहना है कि लाखों रुपए लोन लेकर खाद और बीज के साथ ही अन्य उपकरण से खेत को तैयार कर बीज लगाया था, वहीं मौसम की बेरूखी के चलते इस बार अकाल की मार झेलने जैसी आशंका भी किसान व्यक्त करने लगे है.