झारखण्ड

झारखंड में विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग की नियमावली को मिली मंजूरी: जेएलकेएम ने जताया आभार

नितीश मिश्र

राँची (खबर आजतक): झारखंड के विस्थापितों के लंबे इंतजार को खत्म करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में झारखंड राज्य विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग के गठन हेतू कार्य नियमावली को स्वीकृति दे दी गई। इस निर्णय को लेकर राज्य के विस्थापित परिवारों में खुशी की लहर है।

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के नेता देवेन्द्र नाथ महतो ने इस ऐतिहासिक कदम को संगठन की पहली बड़ी जीत बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, पंजीकरण एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुवा और डुमरी विधायक जयराम महतो को विशेष धन्यवाद दिया।

विधायक जयराम महतो की पहल

गौरतलब है कि डुमरी विधायक जयराम महतो ने विगत मॉनसून सत्र के दौरान गैर-सरकारी संकल्प के जरिए विस्थापन आयोग के गठन की जोरदार पैरवी की थी। वर्षों से जेएलकेएम इस माँग को लेकर आंदोलनरत रहा है और आज उसकी माँग को सरकार ने मान्यता दे दी।

झारखंड में बीते वर्षों में कई बड़ी कंपनियों और परियोजनाओं से व्यापक स्तर पर विस्थापन हुआ है, जिनमें शामिल हैं :

सीसीएल, बीसीसीएल, एचईसी, एनटीपीसी, टाटा, बिड़ला समूह

पंचेत डैम, चांडिल डैम, काँके डैम ।
इन परियोजनाओं से धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़, राँची, जमशेदपुर और सिंहभूम क्षेत्र में बड़ी आबादी विस्थापित हुई थी। आयोग के गठन से अब इन विस्थापित परिवारों को न्याय की उम्मीद जगी है।

देवेन्द्र नाथ महतो ने कहा कि झारखंड राज्य गठन के 25 साल बाद आखिरकार विस्थापितों की आवाज सुनी गई है। आयोग का गठन न केवल न्याय दिलाएगा बल्कि राज्य में पुनर्वास की एक ठोस व्यवस्था भी सुनिश्चित करेगा।

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