डीएवी 6 में नौ दुर्गा के रूपों का किया गया आहवाहन
बोकारो (ख़बर आजतक) : डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर 6 बोकारो में ‘डांडिया नाईट ‘ का भव्य आयोजन किया गया l इस कार्यक्रम में विद्यालय के विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावक जन ने काफी उत्साह के साथ भाग लियाल
कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्राचार्या अनुराधा सिंह, मुख्य अतिथि बी एस जायसवाल उपाध्यक्ष विद्यालय प्रबंधन समिति, ब्रह्मदेव प्रसाद,विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य और अभिभावकों के सम्मिलत होकर दीप प्रज्ज्वलन व गायत्री मंत्र से हुआ l मंच संचालन भावना घाले व मनीषा सहाय ने किया l विद्यालय की प्राचार्या अनुराधा सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया lअभिभावकों और विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा का पर्व हिन्दू देवी दुर्गा की बुराई के प्रतीक राक्षस महिषासुर पर विजय के रूप में मनाया जाता है। मां दुर्गा शक्ति और शौर्य की प्रतीक हैं। भारतीय संस्कृति और सभ्यता का को दर्शाता है l यह पूजा उनकी शक्ति और प्राकट्य की महिमा का आदर करने का समय है और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए होता हैl सत्य और धर्म की प्रतीक माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक दुष्ट राक्षस का वध किया l
जिससे यह सत्य और धर्म की जीत का प्रतीक माना जाता है।इस अवसर मुख्य अतिथि बी एस जायसवाल, उपाध्यक्ष,प्रबंधन समिति ने बच्चों की प्रस्तुति की सराहना की तथा सफलता के लिए अभिभावकों एवं विद्यालय के प्राचार्या की प्रशंसा कीl इस अवसर पर विद्यालय की बालवाटिका -प्रथम, द्वितीय व तृतीय के बच्चों ने रंग -बिरंगे परिधान में राम दरबार की मनमोहक प्रस्तुति की l कक्षा पहली और दूसरी के विद्यार्थियों ने मां दुर्गा के नौ रूप धारण कर असत्य पर सत्य विजय का संदेश दिया l दुर्गा मां के नव रूपों की झांकियां दिखाई गई।कक्षा चौथी के विद्यार्थी शमा परवीन, प्रिया, अर्श, चित्राक्षी, प्रेरणा, सताक्षी झा, आद्या, आराध्या ने माँ दुर्गा के लिए आरती थाल को सजाकर मनमोहक आरती गाया l वरीय कक्षा के प्रणया सिंह सोलंकी शांभवी झा , ईशान झा, केशर इशिता,स्वर्णलता,आकांक्षा, भारती, अनन्या ,साक्षी , संस्कृति, चाहत, आराध्या आदि ने भी अपनी प्रतिभा दिखाते हुए जमकर नृत्य किया l
इस कार्यक्रम में सुजय कुमार मिश्रा,डी ए वी सिमडेगा, एस.एस. कर, डी ए वी सेक्टर- 4,विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य ब्रह्मदेव प्रसाद,विद्यालय के सभी शिक्षक एवं अभिभावक उपस्थित थे l कार्यक्रम का समापन शांतिपाठ से हुआ