विनम्र, अच्छा और जिम्मेदार नागरिक तैयार करना ही ज्ञान का एकमात्र लक्ष्य : पुलिस महानिदेशक
गीत-संगीत और नृत्य की मनभावन प्रस्तुतियों से विद्यार्थियों ने बिखेरी बहुरंगी छटा
बोकारो (ख़बर आजतक) : विद्या ददाति विनयम्, विनया ददाति पात्रताम। विद्या से ही हमें विनम्रता मिलती है और विनययुक्त व्यक्ति ही योग्यवान बन सकता है। अंततोगत्वा विद्या और ज्ञान का एकमात्र लक्ष्य एक अच्छा, विनम्र तथा देश का जिम्मेदार नागरिक तैयार करना है। केवल जीवन में सफल होना ही काफी नहीं। उक्त बातें झारखंड के पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) राज कुमार मल्लिक (भापुसे) ने कहीं। श्री मल्लिक शुक्रवार देर शाम डीपीएस बोकारो में चेनाब, सतलज और झेलम हाउस की ओर से आयोजित द्विवार्षिक सदनोत्सव ‘संगम’ को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। ज्ञान का प्रकाश फैलाने की दिशा में श्री मल्लिक ने भारतीय वेद, पुराण, उपनिषद आदि की चर्चा करते हुए देश की परंपरा व संस्कृति को अत्यंत समृद्ध बताया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और शिक्षकों का सदैव सम्मान करने की प्रेरणा दी।
साथ ही, उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को संस्कारवान तथा सदाचारी बनाने की अपील की। सांस्कृतिक विरासत विषयवस्तु पर आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों के जरिए भारत की कलात्मक व सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि श्री मल्लिक ने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों को सराहते हुए और उनके समग्र विकास की दिशा में डीपीएस बोकारो की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर उत्तरी छोटानागपुर प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) डॉ. माइकल राज एस. एवं कोयला क्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) सुरेन्द्र कुमार झा सम्मानित अतिथि तथा बोकारो के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोज स्वर्गियारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
सभी अभ्गायतों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए. एस. गंगवार ने विद्यालय की उपलब्धियों पर संक्षिप्त प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों के समग्र विकास के प्रति कटिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने बच्चों के सर्वांगीण विकास में कला-संगीत की महत्ता रेखांकित की। साथ ही, अभिभावकों से अपने बच्चों के साथ समय बिताने व मित्र बनकर उनका मार्गदर्शन करने की अपील भी की। इस क्रम में अतिथियों ने विद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका – जेनिथ के नए संस्करण का विमोचन भी किया। प्राचार्य ने सभी अतिथियों को स्मृति-चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।
इसके पूर्व, विद्यालय के अश्वघोष कला क्षेत्र में आयोजित इस समारोह के आरंभ में बच्चों ने पौधा भेंटकर अतिथियों का हरित-स्वागत किया। कार्यक्रम का उद्घाटन डीजी श्री मल्लिक सहित अन्य अतिथियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। स्वागत गान व विद्यालय गीत के बाद चेनाब हाउस की वार्डन रचना ओझा एवं जानकी कुमारी ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की शृंखला प्राइमरी विंग के झेलम हाउस के नन्हे विद्यार्थियों की ओर से प्रस्तुत हनुमान चालीसा पर आधारित ऊर्जावान नृत्य से शुरू हुई। इसके बाद सीनियर विंग से चेनाब सदन के सांस्कृतिक दल ने कर्नाटक के पारंपरिक लोकनृत्य यक्षगान में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला को सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। इसी हाउस की प्राइमरी विंग टीम ने राजस्थानी लोकगीत ढोला ढोल मंजीरा बाजे रे… की सुरीली प्रस्तुति दी। तत्पश्चात झेलम सदन की छात्राओं ने ओडिशा के लोकनृत्य रोज्जो के माध्यम से वहां की आंचलिकता, महिला-कल्याण तथा प्रकृति व नारी के संबंधों को बखूबी दर्शाया। सतलज हाउस (सीनियर विंग) की टीम ने भोजपुरी लोकगीत कइसे खेलन जइबू… पेश किया। अंत में सतलज हाउस (प्राइमरी विंग) के बच्चों ने भारतीय व पुर्तगाल संस्कृति के मिश्रण पर आधारित कार्निवल डांस की जोशीली पेशकश से सबकी भरपूर तालियां बटोरीं।
समारोह के दौरान सतलज हाउस के वार्डन अरुण सोम और पूनम सिंह ने चेनाब, सतलज व झेलम हाउस के विद्यार्थियों की सालभर की उपलब्धियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन झेलम हाउस के वार्डन अमित कुमार सिंह एवं आभा झा ने किया। कार्यक्रम का सुरुचिपूर्ण संचालन पहल लता, अपराजिता सिंह, यामिनी ज्योति, सरित चक्रवर्ती और जया सुबोध कृष्णा ने किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान से हुआ। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्य, बड़ी संख्या में उक्त तीनों सदनों के विद्यार्थियों के अभिभावक तथा शिक्षकवृंद उपस्थित रहे।