विभिन्न वाद्ययंत्रों पर शास्त्रीय रागों का सुंदर सम्मिश्रण प्रस्तुत कर बाल संगीतकारों ने बांधा समां
बोकारो। (ख़बर आजतकल) : विद्यार्थियों की कलात्मक एवं सांस्कृतिक प्रतिभा निखारने के उद्देश्य से डीपीएस बोकारो की सीनियर इकाई में मंगलवार को चार-दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव – तरंग का शुभारंभ हुआ। इसके साथ ही गीत-संगीत, नृत्य और सुरों की महफिल का सिलसिला शुरू हो गया, जिसका उद्घाटन विद्यालय के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंगलदीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम के पहले दिन अंतर सदन आर्केस्ट्रा प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस अवसर पर सप्तक के स्वर – षड्ज, ऋषभ, गंधार, मध्यम, पंचम और धैवत में बंटे सभी छह सदनों की टीमों ने भारतीय शास्त्रीय रागों पर आधारित अपनी मनोरम सामूहिक प्रस्तुतियों से बहुरंगी छटा बिखेरी।
आकर्षक मंच-सज्जा के बीच सभी टीमों के सदस्य मंच पर मनोहारी भारतीय परिधानों में सज-संवरकर पहुंचे। पहली प्रस्तुति सतलज हाउस की रही, जिसमें विद्यार्थियों ने राग हंसध्वनि की विविधताओं को बखूबी दर्शाया। इसके बाद क्रमशः रावी सदन की टीम ने राग बिहाग, झेलम ने राग भैरवी, गंगा की टीम ने राग यमन, जमुना के विद्यार्थियों ने राग देश और चेनाब हाउस की टीमों ने राग जोग पर आधारित धुनें सुनाकर समां बांध दिया। गिटार, तबला, ढोलक, बांसुरी, की-बोर्ड (सिंथेसाइजर), वायलिन, क्लैप बॉक्स, मृदंगम आदि वाद्ययंत्रों पर प्रतिभागी छात्र-छात्राओं का सुर-ताल व लय में आपसी सामंजस्य सराहनीय रहा। प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर जमुना सदन की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। चेनाब को दूसरा एवं रावी को तीसरा स्थान मिला।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. गंगवार ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए विद्यार्थियों के भीतर छिपी प्रतिभा निखारने में ऐसे आयोजनों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता में हार-जीत से अधिक इसमें प्रतिभागिता मायने रखती है। प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली में प्राइमरी इकाई से शिक्षक अंजलि कुमारी, प्रणति दास एवं जय प्रकाश सिन्हा शामिल थे। कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत भाषण स्कूल की हेडगर्ल ऋद्धिमा कौशल ने किया। मंच संचालन छात्रा मीनाक्षी तनु, आद्विक एवं दीपांशी घोष तथा अंत में धन्यवाद ज्ञापन उप सांस्कृतिक सचिव रोशनी सिंह ने किया। विद्यालय के अश्वघोष कला क्षेत्र में आयोजित इस सांस्कृतिक उत्सव के दूसरे दिन समूह नृत्य, तीसरे दिन एकल गायन व तबला-वादन तथा चौथे दिन समूहगान की अंतर सदन प्रतियोगिताएं होंगी।