झारखण्ड बोकारो

ढाक-ढोल और शंख-ध्वनि से गूंजता रहा सेक्टर 3बी इलाका

वसुंधरा परिवार का तीनदिवसीय काली पूजनोत्सव धूमधाम से संपन्न

बोकारो (ख़बर आजतक) : इस्पातनगरी बोकारो के आध्यात्मिक अनुष्ठानों में नया आयाम जोड़ चुके वसुंधरा परिवार की ओर से लगातार तीसरे वर्ष आयोजित तीन-दिवसीय काली पूजनोत्सव का समापन शनिवार को प्रतिमा-विसर्जन के साथ हो गया। सेक्टर 3बी स्थित वसुंधरा गली के समस्त आवासधारी श्रद्धालुओं ने मां काली की प्रतिमा का विसर्जन टू टैंक गार्डन में किया। थाना मोड़ होते हुए विसर्जन का जुलूस ढाल-ढोल की गूंज और मां काली की जय-जयकार के बीच टू टैंक गार्डन पहुंचा, जहां श्रद्धालुओं ने मैया को अगले बरस जल्दी आने का न्योता देकर भावपूर्ण विदाई दी। इससे पहले, वसुंधरा परिवार की महिला सदस्यों ने मैया को सिंदूर समर्पित करने के बाद आपस में एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सिंदूर खेला किया।

इसके पूर्व, तीनदिवसीय पूजनोत्सव के पहले दिन कलशयात्रा के उपरांत प्रतिमा प्राण-प्रतिष्ठा, आवाहन एवं मध्यरात्रि के पश्चात निशाकाल में मां काली की भव्य पूजा संपन्न की गई। मैया का पट खुलते ही पूरा वातावरण बांग्ला पद्धति की शंख ध्वनि और उलूक ध्वनि के बीच मां काली की जय- जयकार से गुंजायमान हो उठा। क्या छोटा, क्या बड़ा, हर उम्र के लोग आस्था और श्रद्धा के साथ भक्ति-भावना व उत्साह से लबरेज दिखे। रातभर मैया के पूजन और उसके बाद हवन का कार्यक्रम चला। अगले दिन भी प्रातःकालीन पूजा संपन्न की गई और दिनभर माता के भजन-कीर्तन का दौर चला। वहीं, शुक्रवार देर शाम तक वसुंधरा परिवार के बच्चों के लिए मनोरंजक स्पर्धाओं का आयोजन किया गया, जबकि धुनुची-नृत्य में बच्चों के साथ-साथ बड़ों ने भी जमकर अपने हुनर दिखाए। शनिवार को बच्चों के लिए चित्रांकन तथा महिला-पुरुषोें के लिए अंताक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गई।

वसुंधरा परिवार के इस वार्षिक पूजनोत्सव के दौरान लगातार तीन दिनों तक ढाक-ढोल, घड़ी-घण्टा, शंखध्वनि और उलूक ध्वनि की गूंज बनी रही। पुरोहित के रूप में पंडित धनंजय चक्रवर्ती ने पूजन संपन्न कराया, जबकि मोहल्ले वासियों की ओर से यजमान के रूप में संजय चक्रवर्ती पूजा पर बैठे। भक्ति के साथ मनोरंजन के इस माहौल में वसुंधरा गली की साज-सज्जा भी अपने आप में अनूठी रही। टिमटिमाते बिजली बल्बों की चमक अपने-आप में एक अद्भुत छटा बिखेर रही थी। हरेक राहगीर वसुंधरा गली के इस खास आयोजन की ओर सहसा खिंचे चले आ रहे थे। वृहद पंडाल के बीच मां दक्षिणेश्वर काली की भव्य प्रतिमा स्थापित कर मोहल्लेवासियों ने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की। आयोजन को सफल बनाने में वीके झा, अर्जुन प्रसाद सिंह, बालेश्वर सिंह, अंगद सिंह, धनंजय चक्रवर्ती, गिरधर महतो, एसपी मिश्रा, बिप्लव दास, सतीश सिंह, विजय कुमार सिंह, तुलसी सिंह, श्याम कुमार (छोटू), संजय गोपाल, दीपक महतो, अनामिका दास, विनोद कुमार, अशोक कुमार, मीना राज, संध्या सोनी, संजय महली, ध्रुवदेव प्रसाद, विकास कुमार, अमित कुमार सिंह, आशा रानी, लक्ष्मी देवी, मोनी आदि की अहम भूमिका रही।

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