राँची (ख़बर आजतक) : झारखंड की राजनीति के पुरोधा और आदिवासी अस्मिता के प्रतीक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। इस बीच मानव अधिकार मिशन के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष सह वरिष्ठ अधिवक्ता पी.के. लाला ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि शिबू सोरेन का जाना केवल एक नेता की कमी नहीं, बल्कि झारखंडी समाज के लिए एक युग के अंत के समान है।
पी.के. लाला ने कहा कि दिशोम गुरु ने हमेशा गरीब, आदिवासी, वंचित और शोषित समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनके नेतृत्व ने झारखंड आंदोलन को नई दिशा दी और राज्य की पहचान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आज जब हम उन्हें खो चुके हैं, तब उनके विचार और संघर्ष हमें प्रेरित करेंगे कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचे।
मानव अधिकार मिशन के प्रदेश अध्यक्ष ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवार को धैर्य देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से मांग की कि शिबू सोरेन के योगदान को हमेशा याद रखने के लिए उन्हें राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जाए।
“दिशोम गुरु हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे, क्योंकि उन्होंने ही हमें संघर्ष करना सिखाया।” – पी.के. लाला