झारखण्ड राँची राजनीति

देश में कई भाषा परंतु पूरा भारत अपनी संस्कृति के साथ जुड़ा हुआ है यही कारण है कि हमारा भारत एक भारत और श्रेष्ठ भारत है : सीपी राधाकृष्णन

सांस्कृतिक महोत्सव गांव और समाज को जोड़ने का एक माध्यम : कड़िया मुंडा

महोत्सव के समापन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी एवं अमर बाउरी रहेंगे उपस्थित

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): सांसद सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन रंगारंग शुभारंभ हुआ। इस समारोह में झारखंड के राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन, पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष कडीया मुंडा, झारखंड सरकार के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मराडी पद्मश्री मुकुंद नायक, मधु मंसूरी, मंजू मालानी, विधायक समरी लाल प्रमुख रुप से मौजूद थे। सांसद संजय सेठ ने सभी अतिथियों को कल्पतरु का पौधा एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। राँची लोकसभा क्षेत्र स्तरीय इस महोत्सव में राँची, हटिया, सिल्ली, खिजरी, ईचागढ़ और काँके विधानसभा क्षेत्र से 2683 प्रतिभागी ने भाग लिया। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम चार स्थानों पर आयोजित की गई जिसमें आर्यभट्ट ऑडिटोरियम रांची यूनिवर्सिटी मोराबादी, ऑड्रे हाउस सूचना भवन काँके रोड, मयूरी ऑडिटोरियम सीएमपीडीआई काँके रोड, श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम मोराबादी, संस्कृति महोत्सव सुबह 9:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक कार्यक्रम आयोजित की गई।

सांसद सांस्कृतिक महोत्सव में 10 विधाओं की प्रतियोगिता हुई जिसमें नवोदित कलाकार अपनी प्रतिभाओं का प्रदर्शन आज के इस अवसर पर भरतनाट्यम छान इत्र सिल्ली द्वारा रावण बध का मंचन किया गया। नागपुरी गीत न्यू कला केंद्र बुढ़मू, अश्विनी महतो द्वारा सोलो सॉन्ग करमाली में प्रस्तुत की गई।

झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्‍णन ने कहा कि पूरे देश में कई भाषा है परंतु अपनी संस्कृति के कारण पूरा भारत एक भारत और श्रेष्ठ भारत कहलाता है। आज भारत G-20 में पूरे विश्व का नेतृत्व कर रहा है और हमारा स्लोगन है वासुधैव कुटुम्बकम भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस देश के ही नहीं बल्कि आज पूरे विश्व के नेता के रुप में सामने आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल के समय वैक्सीन का निर्माण कर भारत ही नहीं बल्कि उन छोटे-छोटे देशों का भी ख्याल करते हुए उन्हें मुफ्त में वैक्सीन दी, यही हमारी संस्कृति है। आज पूरे भारतवर्ष में विभिन्न जाति संस्कृति होने के बावजूद भी भारत आज एक संस्कृति में पिरोकर कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है।

इस अवसर पर पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष पद्म विभूषण कड़िया मुंडा ने कहा कि भारतीय संस्कृति का नीचोर पूजा पाठ के अलावा गीत संगीत है। यह मनुष्य के जीवन से हटा तो मनुष्य का जीवन निर्जीव हो जाएगा।
यह एक मौसम नहीं है, यह एक सोच है, नई प्रेरणा है। भारतीय संस्कृति को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारी संस्कृति धरती से भी गहरा है इसे कोई भी खत्म नहीं कर सकता। विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोग ही अपने शक्ती के प्रति जागरुक है और अपनी संस्कृति को आगे बढ़ा रहे हैं। संस्कृति हमें जीवन जीने की प्रेरणा देती है। प्रधानमंत्री मोदी नित्य नए-नए काम करते हैं, कैसे लोक समाज जुड़े ? कैसे सभी लोगों को एकजुट कर श्रेष्ठ भारत का निर्माण करें। उनकी हमेशा यह चिंता रहती है, पुरानी संस्कृति को बचाने का प्रयास यह गाँव और समाज को जोड़ने का माध्यम है।

इस अवसर पर झारखंड सरकार के पूर्व बाबूलाल मराडी ने कहा कि हमारी पहचान भाषा से नहीं संस्कृति से समझी जा सकती है। इस साल किसी महोत्सव का आयोजन से गाँव में रहने वाले कलाकार निखर कर सामने आएँगे। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच को सांसद संजय सेठ ने इस महोत्सव के माध्यम से सार्थक किया है। इस तरह के आयोजन विधानसभा स्तर पर भी होनी चाहिए।

सांसद संजय सेठ ने कहा कि कला संस्कृति एक ऐसी विधा जिसमें पूरे देश समाहित है। झारखंड के लोगों ने अपनी संस्कृति को जीवित रखा। यहाँ विभिन्न जाति धर्म के होने के बाद भी यहाँ के लोगों में जो प्रतिभा है, अपनी संस्कृति के प्रति जो प्यार है सम्मान है वह आज इस मंच के माध्यम से देश दुनिया देख रही है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यही है ।

महोत्सव में महिला इस महोत्सव में महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, अनेकता में एकता, गुरु शिष्य परंपरा, स्वतंत्रता सेनानी, वसुधैव कुटुंबकम, तकनीकी नवाचार, प्राकृतिक खेती से जुड़े थीम पर भी प्रस्तुति दी गई।

इस कार्यक्रम में मुख्य रुप से सुबोध सिंह “गुड्डू”, पूर्व राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार, पूर्व विधायक रामकुमार पाहन, विनय जायसवाल, अमित कुमार, सुजीत कुमार, के के गुप्ता, सुरेंदर महतो, बलराम सिंह, सुजीत कुमार, मुकेश विनोद सिंह काबरा, आनंद वर्मा, मृत्युंजय शर्मा, शशि भूषण भगत, नरेंद्र सिंह, राजाराम महतो, संजीव तिवारी, सुधाकर चौबे, अनिल टाइगर, अनीता वर्मा, रवि मुंडा, सुनील यादव आदि शामिल हुए।

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