अपराध झारखण्ड पेटरवार बोकारो

नाबालिक बच्ची की निर्मम हत्या और बलात्कार के मामले को लेकर दर्जनों ग्रामीण पंहुचे पेटरवार थाना

रिपोर्ट : पंकज सिन्हा

पेटरवार (ख़बर आजतक) : बीते 5 मई पेटरवार थाना क्षेत्र के ओरदाना पंचायत महलीजारा गाँव में दिल दहला देने वाली घटना घटी थी जिमसे करीब 8 साल की मासूम आदिवासी बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबा कर हत्या कर शव को घर से महज कुछ ही दूरी पर सुनसान झाड़ियों में छुपा दिया गया था। परिवार वालों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने की आशंका जतायी थी। बच्ची का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक ने दुष्कर्म के बाद गला दबा कर हत्या करने की बात कही थी। परिजनों ने बताया कि बच्ची दादी के मायके शादी समारोह में शामिल होने आई थी। कार्यक्रम में शामिल होकर वापस घर लौटने की तैयारी कर रहे थे की बच्ची गायब हो गई। जिसके बाद काफी खोजबीन की गई, पर उसका कोई पता नहीं चल सका।

सुबह खून से लथपथ शव घर के बगल सुनसान झाड़ियों में मिलने की सूचना पर पेटरवार थाना को दी गई। सुचना पा कर पेटरवार थाना दल बल के साथ घटना स्थल पर पहुँच कर घटना की जांच में जुट गई। घटना स्थल पर पहुंचे बेरमो एसडीपीओ विशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि लड़की के साथ दुष्कर्म किये जाने की संभावना के बाद हत्या का मामला लग रहा है। पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में तेनुघाट अनुमंडल अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया था। पुलिस घटना की हर बिंदुओ पर जांच कर रही। इसी घटना को लेकर पेटरवार प्रखंड ग्राम सभा मंच के नेतृत्व मे गोमिया ग्राम सभा मंच, नावाडीह ग्राम सभा मच के साथ विभिन्न ग्राम सभा मंच के अगुवाई मे दर्जनों महिला-पुरुष पेटरवार थाना पहुंचे और पेटरवार थाना प्रभारी को एक आवेदन दिया। आवेदन मे साफ तौर पर ये लिखा हुआ है की पुलिस 8 दिनों के अंदर अपराधियों को नहीं पकड़ती है तो उसके बाद उग्र आंदोलन के साथ एन एच 23 बोकारो -रामगढ़ रोड़ के साथ तेनु चौक को भी जाम कर दिया जायेगा। जिसका जिम्मेवार प्रशाशन होगा। वही इस ज्ञापन का प्रतिलिपि एसडीओ बेरमो, उपायुक्त बोकारो, एस पी बोकारो, गोमिया विधायक और मुख्यमंत्री झारखण्ड सरकार रांची को अग्रेषित कर दिया गया है। वहीं मृतक की माँ ने कहा मैं गरीब हुँ और आदिवासी हुँ इसके चलते मुझे न्याय नहीं मिल रहा है।इस मौके पर अरजुवा पंचायत के मुखिया उर्मिला देवी, पंचायत समिति सदस्य रितेश ब, बरूण राम मांझी, शंकर मांझी, बिनोद हेंब्रम, रविंद्र कुमार हेंब्रम, दुर्गा प्रसाद बासके, रमेश मुर्मू, मनमति देवी, पूजा देवी सहित काफी संख्या में आदिवासी समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।

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