खोरठा भाषा को संविधान की आठवीं सूची में शामिल किया जाए : डॉ बिनोद
पेटरवार (ख़बर आजतक) : पेटरवार प्रखंड के पतकी पंचायत के मिर्जापुर गांव में रविवार को खोरठा भाषा संस्कृति सम्मेलन सह सेमिनार का आयोजन स्वयं सेवी संस्था धारा संस्था बोकारो की ओर से किया गया। कार्यक्रम के पूर्व खोरठा भाषा के बीस दिवंगत साहित्यकारों के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम को श्यामसुंदर महतो श्याम. वासुदेव, चितरंजन महतो चित्रा, डॉ बी ए न ओहदार, दिनेश दिनमनी, गजाधर, सुकुमार, महेन्द्र गोस्वामी, पंचम महतो, महेन्द्र प्रबुद्ध, डॉ मुकुंद रविदास, धनंजय, तारा क्रांति, जीवन जगरनाथ आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम में डॉ दिनेश दिनमनी ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि माय कोरवा भाषा खोरठा में लोक कथा, लोक गीत, मुहावरा, नाटक, उपन्यास, कविता जीवनी, आलोचना, रिपोतार्ज आदि तीन सौ साल पहले से है जबकि लिखित में 50 साल से अकादमी स्तर पर आठवां क्लास से एमए तक की पढ़ाई व शोध जारी हैं। खोरठा को द्वितीय राजभाषा में मान्यता मिली है पर संविधान की आठवीं सूची में शामिल करने की आवश्यकता है। प्रशासनिक पद टीचर लेक्चरर नवा पीढ़ी दशा दिशा डेढ़ करोड़क भाषा संविधान आठवां भाषा में शामिल करने की आवश्यकता, किताब छपने की सरकारी स्तर पर क़ोई व्यवस्था नहीं हैं। कार्यक्रम में धनबाद, हजारीबाग व रांची के विश्व विद्यालयों के अधिकारी, प्रोफेसर व खोरठा भाषा के वरिष्ठ साहित्यकारों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन की अध्यक्षता केंद्रीय अध्यक्ष बी एन ओहदार ने की। मंच का संचालन शांति भारत ने किया। डॉ गजाधार महतो ने कई जानकारी दी।