डिजिटल डेस्क
बोकारो (ख़बर आजतक) : आज बोकारो न्यायलय समेत झारखंड के सभी 32 हजार अधिवक्ता फीस बढ़ोतरी वापस लेने, अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर कोर्ट का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया। ज्ञात हो कि झारखंड बार कौंसिल के आवाहन पर झारखंड के सभी अधिवक्ता शुक्रवार से न्यायिक कार्यों से अपने आप को अलग रखा। शुक्रवार से राज्य के वकील किसी भी न्यायालय में न्यायिक कार्य नहीं करेंगे। इंडियन एसोसियेशन ऑफ़ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने बताया कि कोर्ट फीस में जो बढ़ोतरी की गई है, उससे केस लड़ना अब महंगा हो जाएगा और आम आदमी न्याय से दूर होता जाएगा और उसकी जमीन लूट ली जाएगी। इसलिए आम जनता को वकीलों के इस आंदोलन को समर्थन करना चाहिए। वकीलों को भी इससे परेशानी है। कोर्ट फीस बढ़ोतरी के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसके बाद सरकार ने कुछ संशोधन किया है, लेकिन यह काफी नहीं बल्कि धोखा है। कोर्ट फीस कम करने के लिए बार कौंसिल का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मिला था और परेशानी से अवगत कराया था। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात का निर्णय लिया गया था। उसी के तहत मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम था। वकीलों के प्रतिनिधिमंडल से मुख्य मंत्री का नही मिलना इससे बढ़ कर और अपमान की बात क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि सीएम हाउस का कृत्य आहत करने वाला है। उन्होंने सरकार से कोर्ट फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की। शुक्रवार से इसके विरोध में झारखंड के सभी वकील न्यायिक कार्य से अलग कर विरोध जाता रहे है । विरोध जताने वालों में अधिवक्ता संजय कुमार प्रसाद, फटिक चंद्र सिंह, रंजन कुमार मिश्रा, कमल कुमार सिन्हा, वंशिका सहाय, सुकमती हेसा, दीपिका सिंह, सुनील चांडक, धनजी चौधरी, विभा कुमारी, ज्योति प्रकाश चौधरी, इंद्रनील चटर्जी, निखिल कुमार डे, सुभाष नायक, राणा प्रताप शर्मा, विष्णु चरण महाराज, धुर्वेश्वर मंडल, अशोक कुमार पांडेय, कौशल किशोर, राणा प्रताप शर्मा, हिमांशु शेखर, बिष्णु प्रसाद नायक, प्रीति श्रीवास्तव, रेणु कुमारी, गोविंद नारायण सिंह, मिथलेश कुमार, अशोक कुमार यादव, रीना कुमारी समेत सैकड़ों अधिवक्ता मौजूद थे।