बोकारो (ख़बर आजतक): ग्रंथ सृजन संस्थान की प्रवेशांक आनॅलाईन काव्य गोष्ठी में काव्य रसधारा बही। स्वाधीनता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में संस्थापक रजत नाथ, अध्यक्षा गीता कुमारी गुस्ताख, सचिव अमृता शर्मा, उपाध्यक्ष सोनी कुमारी, मिडिया प्रभारी अनील कुमार श्रीवास्तवा, स्मिता, करूणा कलिका, ज्योति वर्मा, सुप्रिया कुमारी सारस और माला कुमारी ने काव्य पाठ किया। गीता कुमारी ने कहा कि कृषक देश के अन्नदाता है। गीता ने खेतों में सोने उगने की, गौरव गाथा गाता हूॅ, अमृता शर्मा ने शहीदों के परिवारों की व्यथा पर आधारित काव्य जय भारत की बोलो, जय भवानी प्रस्तुत की।
क्रांति श्रीवास्तवा ने मैं शांत कभी, कभी भ्रांत … मैं बसता सबके मन में, करूणा कलिका ने लेखन में अपनी जोश भरता जरूर है, जो सो रहें हैं उनको जगना जरूर है …गजल गाया, ज्योति वर्मा ने है तिरंगा शान देश का .. हाथ बहुत है फहराने वाले… लेकिन मुझको समझता कौन,स्मिता ने न बापू की कही बातें, न नेहरू की विकास राहें , रजत नाथ ने संवेदनाओं को शब्द देना … आजादी है, अनील कुमार श्रीवास्तव ने आओ सजधज के मिले हम… स्वतंत्रता दिवस का मान बढ़ाएं, सोनी कुमारी ने अगर तुम एक मारोगे तो हम मारेगे सौ, सुप्रिया कुमारी सारस ने मै याद किसी को कोई नहीं व माला कुमारी ने स्वतंत्रता दिवस हम मानाए काव्य पाठ किया। पूरे काव्य पाठ संचालन स्मिता ने की।