डिजिटल डेस्क

बोकारो (ख़बर आजतक): वेदांता ईएसएल वनीकरण की जापानी पद्धति मियावाकी तकनीक से झारखंड को और भी हरा भरा राज्य बनाने में जुटा है। इसी सन्दर्भ ने वेदांता ईएसएल ने चमराइडीह गाँव में एक मियावाकी वन स्थल स्थापित किया जिसका उद्घाटन श्री डी. वेंकटेश्वरलू, आईएफएस, क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक, बोकारो द्वारा चमराइडीह गांव में श्री आशीष गुप्ता, सीईओ, ईएसएल स्टील लिमिटेड और अन्य कार्यकारी सदस्यों की उपस्थिति में किया गया। उद्धाटन करने वाले मुख्य अतिथियों ने स्थल पर वृक्ष भी लगाए। यह कदम वेदांता की सकारात्मक परिवर्तन लाने के जज़्बे का एक उदहारण है – चाहे वह समाज के लिए हो, राज्य के लिए हो या पूरे भारत के लिए हो। झारखंड को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए मियावाकी वन स्थल एक उल्लेखनीय आधार साबित होगा। कांजी, शीशम, कदम, कचनार/कंचन, इमली, महोगनी, अनार आदि सहित विभिन्न प्रजातियों के 53000 से अधिक पौधों के साथ चमराईडीह गांव में 2.64 एकड़ भूमि को कवर करने वाली परियोजना के साथ, संगठन राज्य और समाज कल्याण का अपना वादा रखता है। यह संगठन इस प्रकार के कार्यों के माध्यम से एक बेहतर झारखंड बना रहा है। जापानी वनस्पतिशास्त्री डॉ. अकीरा मायावाकी द्वारा विकसित वनीकरण की इस विधि में, न्यूनतम 15-20 विभिन्न प्रजातियों के साथ प्रति वर्ग मीटर 3-5 पौधे लगाए जाते हैं, जिससे एक बहुस्तरीय हरा-भरा जंगल बन जाता है, जिसमें दो वर्षों के बाद कोई आवश्यक रखरखाव नहीं होता है। वन स्थल की जैव विविधता को बढ़ाने और देशी वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के लिए और पक्षियों के लिए पानी का स्रोत प्रदान करने के लिए, एक तालाब भी बनाया गया है। वेदांता ईएसएल हमारे आस पास सकारात्मक बदलाव का नेतृत्व कर रहा है ताकि आने वाली पीढ़ी प्रकृति के साथ एक परिपूर्ण जीवन का अनुभव कर सके।