झारखण्ड राँची शिक्षा

भारत संपूर्ण मानव जाति का स्वतंत्रता का प्रतिपादक रहा है: डॉ प्रदीप वर्मा

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): सरला बिरला विश्वविद्यालय में धूमधाम के साथ 77वाँ स्वतंत्रता दिवस समारोह संपन्न हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रांगण में कुलपति प्रोफेसर गोपाल पाठक व मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने झंडोत्तोलन किया।

इस दौरान अपने संबोधन में कुलपति ने आज़ादी हित बलिदान को स्मरण कर भारत के विभाजन की विभीषिका की चर्चा की। उन्होंने अनुशासन को विकास का कारक मानते हुए चार प्रकार के अनुशासन यथा सामान्य अनुशासन, शैक्षिक अनुशासन, वित्तीय अनुशासन और आध्यात्मिक अनुशासन के बारे में चर्चा की। उन्होंने सरला बिरला विश्वविद्यालय द्वारा गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं रिसर्च के लिए कटिबंध बने रहने की मंशा जाहिर की ।

सरला बिरला विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि भारत संपूर्ण मानव जाति की स्वतंत्रता का प्रतिपादक रहा है। निकाह की हजार वर्ष पूर्व गुलामी से पहले का भारत विश्व का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र था, भारत की सोच संपूर्ण विश्व को परिवार मानती है। हमने संपूर्ण सृष्टि को अपना परिवार माना है। जी-20 के माध्यम से आज भारत एक विश्व एक परिवार के साथ वसुधैव कुटुंबकम की परिकल्पना को साकार कर रहा है।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ दी।

इस दौरान ध्वजारोहण के पश्चात कैफिटेरिया प्रशाल में प्रबंधन एवं संकाय सदस्यों के बीच इंटरेक्शन सेशन आयोजित कर विभिन्न आंतरिक गुणों पर सभी संकाय सदस्यों के द्वारा सामूहिक रुप से परिचर्चा की गई। इस अवसर पर मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने कई मानवीय गुणों की चर्चा करते हुए उत्कृष्टता हेतु कई आवश्यक एवं व्यवहारिक बातों से सभी को अवगत कराया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, प्राध्यापक, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

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