डिजिटल डेस्क
राँची (ख़बर आजतक) : मेरा घर तब खुशहाल रहेगा। जब वनवासी की कुटिया खुशहाल होगा। आईये इसके लिए एक.एक वनवासी को गले लगाइये। यह बात एकल अभियान के संस्थापक सदस्य एवं अभियान के मार्गदर्शक माण्श्याम जी गुप्त ने श्रीहरि सत्संग समिति रांची द्वारा आरोग्य भवन में आयोजित 27 वनवासी जोड़ो का साामुहिक विवाह उत्सव में बोल रहे थे। श्री गुप्त ने कहा कि.यह विवाह उत्सव एक नया संदेश दे रहा है। यह युग परिवर्तन है। इस विवाह में हिन्दुस्तान की आर्थिक नगरी मुम्बई के शीर्षस्थ श्रीमंत वंधु है तो हिन्दुस्तान का गरीब प्रांत झारखंड के गाँव के वनवासी वंधु भी एक साथ बैठे है। एक तरफ देश की अट्टालिकाएँ तो दुसरी तरफ देश की झोपड़ी में छोटे.छोटे घरों में रहने वाले लोग एक साथ बैठे है। यह समन्वय का सागर ही युग परिवर्तन का संकेत दे रहा है।
श्री गुप्त ने कहा कि छोटे.छोटे घरों में रहने वाले यही हनुमान आपकी रक्षा करेगा। 27 वनवासी जोड़ो की अपना आशीर्वाद देते हुए उन्होंने कहा कि चिंता मत करो आज तुम्हारी शादी के पंडाल में नगर वाले आए हैए अब ये तुम्हारी कुटियाँ में जायेगें। उन्होंने आह्वान करते हुए विवाह समारोह में शामिल सैकड़ों वंधु.भगिनियो को कहा कि.जब हनुमान जग जायेगाए जटायु जग जायेगा तो मेघनाथ कोए रावण को विफल होना ही पड़ेगा। इसलिए आइये एक.एक हनुमान को गले लगाइये।
विवाह उत्सव को आशीर्वाद प्रदान करते हुए चिन्मय मिशन राँची के आचार्य पूज्य स्वामी परिपूर्णानन्द जी ने कहा कि विवाह का मुख्य उद्देश्य संतति उत्पन्न करना है। राष्ट्र की उन्नति में सहयोग करना प्रदान करना है। गृहस्थ का अच्छा निर्माण करना है। वर.वधु को संकेत करते हुए उन्होंनेे कहा कि आप जीवन के सहयात्री है। सहयात्री की यात्रा सुखद हो दुसरे के सुख में सहयोग करें। दुसरे के मन को समझे। भारतीय संस्कृति त्याग की पाठशाला हैं त्याग सिखाता है भारतीय परिवार अपने सुख के लिए नहींए दुसरे के लिए त्याग पूर्ण सुख के साथ जीता है। त्याग से ही शांती मिलता है। हमें देवता बनना है लेवता नहीं। गृहस्थ कहते है.मेरे यहांँ भीक्षा लेने आवें। व्रहमचारी मेरे यहाँ आएं ताकि गृहस्थ देने वाला बने। विवाह समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा के पूर्व सांसद श्री महेश पोद्दार ने कहा कि शादी ही परिवार का आधार होता है। शादी के वंधन में बांध देना एक पूण्य काम है। इसके लिए अपनी सोच कीे बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने नवविवाहिता 27 जोड़ो को शुभकामना देते हुए कहा कि न केवल एक जीवन साथी मिला हैए बल्कि एक जीवन साथी के पीछे एक बहुत बड़ा परिवार मिला है।
इसके पूर्व विवाह उत्सव की प्रस्तावना एवं स्वागत उद््वोधन श्री सतीश तुलस्यान अतिथियों का परिचय एवं सम्मान श्रीमती उषा जालान ने कराया।
कोलकाता निवासी श्रीमान वृजमोहल गाड़ोदिया एवं श्रीमती नीरा गड़ोदिया के 50वीं वर्षगांठ एवं इनके पुत्र श्री आशीष गाड़ोदिया एवं संध्या गाड़ोदिया के 25वीें वैवाहिक वर्षगांठ के अवसर पर मंच पर वरमाला कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसके पश्चात् 27 वनयासी जोड़ो ने वर.वधु एक दुसरे के गले मं मंत्रोच्चारण के बीच वरमाला पहनाये।
पूज्य स्वामी जी द्वारा नवदाम्पत्य परिणय सूत्र में बंधन के अवसर पर संकल्प भी कराया जो इस प्र्रकार है। संकल्प पत्र. सर्व शक्तिमान श्री परमेश्वर तथा अपने पूर्वजों का स्मरण कर मैं प्रतिज्ञा करताध्करती हँू कि एकल अभियान के माध्यम से मैं अपने गाँव की सब प्रकार की उन्नति के लिए काम करता रहूँगाध्करती रहूँगी। अपने गाँव में गौवंश रक्षा एवं सवंद्र्वन करूगाँध्करूंगी। अपने को संस्कारित तथा योग्य बनाने हेतु मैं अपने जीवन में किसी प्रकार का भी व्यसन अथवा नशा नहीं करूंगाध्करूंगी।
पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन बबिता जालान एवं आभार व्यक्त संतोष मोदी ने किया। मंचीय कार्यक्रम के पश्चात् विधिवत विधिविधान के साथ वैवाहिक अनुष्ठान सम्पन्न कराया गया।
मुम्बई से सत्यनारयण काबऱा, गोपाल कनहोइ , मीना अग्रवाल , श्री नारायण अग्रवाल , विजय केडिया सहित दो दर्जन महानगर वासी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में नगरवासी एवं ग्रामवासी का विहगंण समन्वय समरसता के भाव प्रभावी था। मुख्य रूप से श्री देवव्रत पाहन , प्रेम अग्रवाल सुमित पोद्दार, डा ललन शर्मा श्रीमती रेखा जैन, श्री मुकेश अग्रवाल, श्री जीतु पहान , श्री अमरेन्द्र विष्णुपुरि , श्री अमर पोद्दार , राजकुमारी जैन , श्रीमती ऊषा जालान श्री मुकेश अग्रवाल श्री संजीव खिरवाल, एवम सैकड़ो नगरवासी एवं ग्रामवासी वधु भगिनी उपस्थित थे।