रिपोर्ट : नितीश मिश्र
राँची(खबर_आजतक): विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विशेष इनफ्लुएंसर मीट का आयोजन हुआ जिसमें झारखंड के सभी चर्चित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर के साथ आदिवासी समाज के युवा संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इस मिटअप का मुख्य उद्देश्य सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स और यूट्यूबर के सहयोग से राज्य के युवाओं को विश्व आदिवासी दिवस के दिन बाइक रैली में सम्मिलित होने का आह्वान किया जा सके। जैसा कि हम सभी जानते हैं विश्व आदिवासी दिवस बड़े धूमधाम से पूरे दुनिया में एकसाथ आदिवासी दिवस मनाया जाता है, और लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में जागरुक किया जाता है।
पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी आदिवासी समाज के युवा हजारों की संख्या में एक बड़ी बाइक रैली करने जा रहे हैं जिसमें लगभग 1000 – 1500 की संख्या में बाइक जुड़ेंगे।
यह बाइक रैली सुबह 09 बजे मोराबादी मैदान के बापू वाटिका में महात्मा गाँधी की प्रतिमा का माल्यार्पण कर शुरू होगी और गेस्ट हाउस के पास रामदयाल मुंडा जी की प्रतिमा में माल्यार्पण करते हुए सिदो – कान्हू पार्क, कार्तिक उरांव चौक, शहीद वीर बुधु भगत चौक, धरती आबा बिरसा मुंडा चौक, डोरंडा में भीम राव अंबेडकर चौक, सुजाता चौक, अल्बर्ट एक्का चौक, मैदान में वापस जमा होंगे।
इस बाइक रैली का उद्देश्य है कि आदिवासी समाज को अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करें, विशेष कर जो कानून अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा हम आदिवासियों के लिए बनाए गए हैं, उसके बारे में जन-जन को बताएं और जागरूक करें ।
भारत के मध्य प्रदेश, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लेह – लद्दाख और नॉर्थ ईस्ट के तमाम राज्यों में आदिवासी समुदाय के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं।
आदिवासियों के संरक्षण के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ ने कई अहम नियम कानून बनाने हैं, हमारे देश के कानून व्यवस्था में भी पांचवी अनुसूची, छठी अनुसूची, ट्राइबल सब प्लान, आरक्षण, प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट, पेसा कानून, CNT एक्ट, SPT एक्ट, विलकिंसन रूल, फॉरेस्ट राइट एक्ट इत्यादि अनेक कानून हैं जो आदिवासी और उनके जल – जंगल – जमीन की सुरक्षा के लिए बने हैं पर दुर्भाग्य ये है कि इनको आजतक सही से धरातल पर उतारा नहीं गया है।
इस बाइक रैली के माध्यम से आदिवासी युवा संगठनों के द्वारा पूरे देश – दुनिया के आदिवासियों को एक संदेश देने की कोसिस की जायेगी, ताकि सभी आदिवासी लोग अपने हक – अधिकार को समझें और साथ ही साथ बाकी समुदाय के लोग आदिवासियों के प्राकृतिक संरक्षण और दुनिया के लिए उसकी महत्ता को समझें और आदिवासियों के संरक्षण में सकारात्मक भागीदारी दर्ज करें।
इस विशेष मीटअप में निम्नलिखित इनफ्लुएंसर शामिल हुए जिसमें अमन कच्छप, असीम तिर्की, स्वाति बंडो, प्रियंका लकड़ा, कनक लता तिग्गा, नीतीश कुमार, अनुपमा कच्छप आदि थे।
इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता शशि पन्ना, विपिन टोप्पो, अमरनाथ लकड़ा, अनिल उरांव, अजित लड़का, अल्बिन लकड़ा, सोनल कच्छप, संदीप उराँव, दीपक मुंडा, राम पाहन, विनोद कच्छप, दीपक लकड़ा, गोविंद टोप्पो, आकाश बड़ा वा अन्य शामिल थे।