नितीश_मिश्र
राँची (ख़बर आजतक): जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने बुधवार को शून्यकाल में तख्त हरमंदिर साहेब की 15सदस्यीय समिति में झारखंड का स्थान सुरक्षित करने का मामला विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाया और सभा अध्यक्ष से इस बारे में सरकार को संज्ञान लेने का निर्देश देने का आग्रह किया।
शून्यकाल की सूचना
10वें सिख गुरू, गुरू गोविंद सिंह की जन्मस्थली पटना साहेब में स्थित तख्त हरमंदिर जी का प्रबंधन 15 सदस्यीय समिति करती है। इसका संचालन 1955 में बने संविधान और नियामवाली के तहत होता है। प्रबंधन समिति में अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली सहित उत्तर एवं दक्षिण बिहार का प्रतिनिधित्व है। बिहार का पुनर्गठन होकर झारखण्ड राज्य बना है। कहा की अभीतक दक्षिण बिहार के साथ झारखण्ड था। दक्षिण बिहार और झारखण्ड का संयुक्त प्रतिनिधित्व तख्त हरमंदिर साहेब के प्रबंधन की 15 सदस्यीय समिति में रहता था। परन्तु अब यह साजिश हो रही है कि झारखण्ड को दक्षिण बिहार के प्रतिनिधि से अलग कर दिया जाय और इसके लिए तख्त हरमंदिर समिति के संविधान में संशोधन किया जाए। जबकि दक्षिण बिहार में केवल 15 गुरूद्वारा है और झारखंड में 120 के करीब गुरूद्वारा है। इस तरह झारखण्ड को प्रतिनिधित्व से वंचित करने की साजिश चल रही है। जब अमृतसर, कोलकाता, लखनऊ, दिल्ली के सिख प्रतिनिधि तख्त हरमंदिर साहेब की 15 सदस्यीय समिति में है तो झारखण्ड को इसमें प्रतिनिधित्व नहीं देना कहीं से भी उचित नहीं है।
सरयू राय नें कहा कि मैं सरकार से माँग करता हूँ कि बिहार की सरकार के साथ वार्ता कर तख्त हरमंदिर साहेब प्रबंधन समिति में झारखण्ड का स्थान सुरक्षित करायें।