नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): सरला बिरला विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के द्वारा भारत के संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की 132वीं जन्मजयंती का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गोपाल पाठक ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जीवनी, शिक्षा दीक्षा एवं उनके कार्यों की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि भारत सदैव बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के कार्यों एवं विचारों का ऋणी है। बाबासाहेब आंबेडकर ने जीवन पर्यंत राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं सामाजिक सद्भाव के साथ साथ सांस्कृतिक एकता की ना केवल पक्षधर रहे बल्कि इस दिशा में कई ऐतिहासिक कदम भी उठाए। उन्होंने पूना पैक्ट की विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में सामाजिक समानता की बात की गई है। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर सदैव काबिलियत के पक्षधर रहे। उन्होंने कहा कि सभी काम का समान महत्व है और सभी का समान रुप से सम्मान होना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर विजय कुमार सिंह ने भारतीय समाज की एकता एवं विशेषताओं की चर्चा करते हुए कहा कि बाबा साहब अंबेडकर तीक्ष्ण बुद्धि युक्त और प्रतिभा संपन्न एक कुशल विचारक थे। सामाजिक विद्वेष एवं जातिगत जकड़न के बावजूद भी वे सामाजिक परिवर्तन के कारक बने। उन्होंने भारतीय राजनीति का केवल उत्थान किया बल्कि भारतीय समाज के पुनर्जागरण का कार्य भी किया। भारत की एकता के लिए उन्होंने बृहद भारतीय संविधान के निर्माता के साथ-साथ एक सच्चे भारतीय सपूत थे।
इस अवसर पर इंजीनियरिंग के डीन प्रोफेसर श्रीधर बी दंडिन ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मुख्य नायक पत्रिका के चर्चा करते हुए उनके विचारों से सभी को अवगत कराते हुए कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर सदैव सामाजिक बुराइयों से निजात दिलाने के लिए प्रयास करते रहे।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की छात्रा नतीशा नाज ने भी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्म जयंती के अवसर पर अपना विचार साझा किया।
इस कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ नीतू सिंघी ने किया एवं अंत में धन्यवाद ज्ञापन की औपचारिकता विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव प्रो अमित गुप्ता के द्वारा पूरी की गई।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार वर्मा ने बाबा साहब भीमराव को नमन करते हुए विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों, कर्मचारियों एवं छात्र छात्राओं को उनकी जयंती की शुभकामनाएँ प्रेषित की है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर गोपाल पाठक, कुलसचिव डॉ विजय कुमार सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के विश्वविद्यालय संयोजक डॉ संजीव कुमार सिन्हा, प्रोफेसर श्रीधर बी दंडिन, डॉ राधा माधव झा, डॉ मनोज कुमार पांडेय, डॉ जीवा चिदंबरम, डॉ भारद्वाज शुक्ला, प्रो राजीव रंजन, डॉ नम्रता चौहान, दीपा सिन्हा आदि उपस्थित थे।