प्रशांत अम्बष्ठ, गोमिया
गोमिया (ख़बर आजतक) : सीसीएल कथारा क्षेत्र अंतर्गत स्वांग वाशरी में संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में एक पीट मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें कोयला मजदूरों ने केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। बैठक को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य कमेटी सदस्य एवं एनसीओईए (सीटू) के स्वांग वाशरी शाखा सचिव राकेश कुमार ने कहा कि भारत सरकार कॉरपोरेट घरानों—जैसे अडानी और अंबानी—को देश की सार्वजनिक संपत्तियां सौंपने पर आमादा है, जबकि मजदूरों और किसानों के अधिकारों को खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार द्वारा लाए गए चार लेबर कोड मजदूरों की आवाज को पूरी तरह दबा देंगे। इन कोड्स के लागू हो जाने से यूनियन बनाने, विरोध करने और हड़ताल जैसे अधिकार समाप्त हो जाएंगे और विरोध करने वाले मजदूरों को कठोर सजा भुगतनी पड़ सकती है। साथ ही 8 घंटे के कार्य दिवस को बढ़ाकर 12 घंटे करने की तैयारी भी की जा रही है।
यूसीडब्ल्यूएफ (एटक) के स्वांग वाशरी शाखा सचिव बलराम नायक ने सरकार की एमडीओ मॉडल और रेवेन्यू शेयरिंग नीति की आलोचना करते हुए कहा कि कोयला उद्योग को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है। इससे सिर्फ मजदूर ही नहीं, बल्कि स्थानीय दुकानदार, व्यवसायी, ग्रामीण और विस्थापित भी प्रभावित होंगे। उन्होंने इसे देश के साथ एक “विश्वासघात” बताया।
बैठक में तय किया गया कि 9 जुलाई को प्रस्तावित हड़ताल मजदूरों के अधिकारों और अस्तित्व की रक्षा के लिए अनिवार्य है। इस मौके पर सोबिया देवी, राम सागर सिंह, मनोज हजाम, प्रदीप कुमार, प्रहलाद प्रसाद, अब्दुल लतीफ सहित दर्जनों मजदूरों ने भाग लिया और आंदोलन को समर्थन देने का संकल्प लिया।