झारखण्ड

स्वास्थ्य समृद्धि वाहन परियोजना के तहत पतरातू प्रखंड में हुआ शिविर का आयोजन

रामगढ़ (ख़बर आजतक) : रामगढ़ जिला अंतर्गत सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के कुपोषित बच्चों के पोषण स्थिति में सुधार के मद्देनजर जिला प्रशासन रामगढ़ की पहल के अंतर्गत संचालित स्वास्थ्य समृद्धि वाहन परियोजना के तहत गुरुवार को ब्लॉक मोड़ पतरातू के समीप स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में शिविर का आयोजन किया गया।*
राजकुमारी फाउंडेशन के सहयोग से क्रियान्वित स्वास्थ्य समृद्धि वाहन परियोजना के तहत पतरातू प्रखंड अंतर्गत पतरातू पंचायत के चार अन्य केंद्रों को भी शिविर में शामिल किया गया है जिसके माध्यम से पतरातू बस्ती, पतरातू भुईयां टोली, शांति मोहल्ला एवं दुर्गा मंडप पतरातु के बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गई। शिविर के दौरान राजकुमारी फाउंडेशन द्वारा चिन्हित कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु 15 दिनों तक कुपोषित बच्चों को आहार विशेषज्ञ की निगरानी में विशेष भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अभिभावकों की काउंसलिंग भी की जाएगी। शिविर के दौरान कुल बड़ी संख्या में बच्चों की कुपोषण जांच की गई जिनमें जिन बच्चों को कुपोषित पाया गया उनके उपचार हेतु आगे का कार्य किया जा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य समृद्धि परियोजना के तहत लोगों को टेलीमेडिसिन सेवा भी उपलब्ध कराया गया वहीं एक बच्चे का अन्नप्राशन किया गया।
★ स्वास्थ्य समृद्धि वाहन की विशेषताएं।
विस्तृत कवरेज़
एक चालित वाहन से दो या दो से अधिक जगहों पर पोषण शिविर संचालित होगा। समय और धन बचाने के उदेश्य से निर्मित इस चालित वाहन से 30 मिनट के अंतराल पर भोजन एवं अन्य सामाग्री दो या दो अधिक शिविर स्थान पर पहुचई जा सकेगी।
भंडार कक्ष
यह वाहन भंडार कक्ष का भी कार्य करेगी इसमे विभिन्न आकार की संद्रखें और दराज है जिसमे पोषण शिविर की समग्रियों का सुरक्षित भंडारण किया जाएगा।
कार्य
यह वाहन शिविर कर्मियों को सुदूर ग्रामीण क्षेत्र तक ले जाने मे सहयोग करेगी। केंद्रीय कृत निगरानी वाहन में लगे क्लाउड वेस्ड कैमरे द्वारा शिविर के प्रतेक गतिविधियों की निगरानी रखी जाएगी।
लक्षित समूह
उम्र के सापेक्ष में कम वजन वाले अति कुपोषित बच्चे एवं उनके अभिभावक अधिकतम 40 कुपोषित बच्चे प्रत्येक शिविर में लाभान्वित होंगे
सेवाएं
चलित कुपोषण उपचार वाहन द्वारा दो तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।
नियमित भोजन
कुपोषित बच्चों को उम्र के हिसाब से उपायुक्त पौष्टिक भोजन दिन में तीन बार दिया जाएगा यह भोजन विशेषज्ञ की देखरेख में बनाया जाएगा।
टेलीमेडिसिन
यह मेडिकल वैन रोस्टर के अनुसार गांव- गांव जाएगी और कुपोषित बच्चों के साथ- साथ वयस्कों के लिए टेलीमेडिसिन पर काम करेगी।

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