झारखण्ड राँची हज़ारीबाग

हज़ारीबाग : बकरी चराने गई किशोरियों के साथ दुष्कर्म

हज़ारीबाग (आर. वर्मा ) : विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के नवादा में दो नाबालिग लड़कियों के अपहरण और दुष्कर्म का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। इस संबंध में आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़िताओं की उम्र 14 और 15 साल बताई गई है

थाने में दर्ज कराई गई तहरीर के अनुसार, बीते रविवार को दोनों लड़कियां गांव के पास बकरी चरा रही थीं। इसी बीच, उसी गांव के दो युवक, अभिषेक कुमार और सागर कुमार, उनके पास पहुंचे। उन्होंने लड़कियों को कुछ सुंघाया, जिससे वे अचेत हो गईं। इस अचेतावस्था में उनका अपहरण कर लिया गया।

बकौल पीड़िताओं, जब उन्हें होश आया तो उन्होंने खुद को गिरिडीह जिलांतर्गत डुमरी में पाया। यह घटना रविवार रात की है। सोमवार दोपहर, विष्णुगढ़ के जमुनिया डैम के पास आरोपी उन्हें बाइक से उतारकर फरार हो गए। घर पहुंचने पर नाबालिग लड़कियों ने अपने परिजनों को इस भयावह घटना की जानकारी दी। परिजनों ने तुरंत ही इस मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। विष्णुगढ़ थाना में कांड संख्या 150/24 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने पोक्सो एक्ट समेत अन्य सुसंगत धाराओं के तहत आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस घटना ने नवादा और उसके आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। गांव के लोगों ने इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की है और पीड़िताओं के लिए न्याय की मांग की है। क्षेत्र के समाजसेवियों और स्थानीय संगठनों ने भी इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त किया है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की है। थाने के प्रभारी अधिकारी ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच जारी है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

समाज के लिए संदेश

यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारे समाज में अभी भी कितनी असुरक्षा और भय है। समाज के सभी वर्गों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और सभी नाबालिगों को सुरक्षित माहौल मिले। पीड़िताओं को उचित चिकित्सा और मानसिक सहायता प्रदान की जानी चाहिए ताकि वे इस भयावह अनुभव से उबर सकें।

हजारीबाग की यह घटना न केवल पुलिस और न्यायिक प्रणाली की गंभीरता का परीक्षण है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति और भी सतर्क रहना होगा। न्याय की प्रतीक्षा में, समाज की नजरें अब इस केस पर टिकी हुई हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि न्याय कितनी जल्दी और कितनी सख्ती से मिलता है

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