झारखण्ड राँची शिक्षा

आरयू में मना विश्व आदिवासी दिवस “जोहार संगी”

झारखंड के 3.8 करोड़ की आबादी में 28 प्रतिशत आदिवासी: राज्यपाल

नितीश_मिश्र

राँची(खबर_आजतक): आरयू में मंगलवार को विश्व आदिवासी दिवस “जोहार संगी” मनाया गया। मोराबादी के स्वर्ण जयंती दीक्षांत मंडप में इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति डॉ.सी.पी. राधाकृष्णन थे। राज्यपाल के आगमन पर उनका पारंपरिक झारखंडी गीत और नृत्य से स्वागत किया गया। इसके बाद पीएफए विभाग के छात्रों कलाकारों ने राष्ट्रगान और कुलगीत प्रस्तुत किया।

इस मंच पर पद्मश्री अशोक भगत, पद्मश्री यमुना टुडू, राज्यपाल के शैक्षणिक सलाहकार प्रो.डा.ई. बालागुरुसामी भी उपस्थित थे। कुलपति आरयू प्रो. डॉ. अजीत कुमार सिन्हा ने सबों का अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।

वीमेंस कालेज की प्रिंसिपल डॉ .सुप्रिया ने कुलपति आरयू प्रो. डॉ.अजीत कुमार सिन्हा को अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया।

इस कार्यक्रम के प्रारंभ में झारखंड रत्न और पद्मश्री से सम्मानित गीतकार गायक कलाकार मधु मंसुरी ने नागपुरी में स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

आरयू कुलपति डॉ. अजीत सिन्हा ने इस दिवस पर सबों को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएँ दी और 28 प्रतिशत आदिवासी जनसंख्या वाले झारखंड राज्य के बारे में बताते हुए झारखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में बताया।

राज्यपाल ने अपने संबोधन में इस दिवस और आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त की और सबों को शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि हमारे पारंपरिक जनजातीय गीत संगीत नृत्य बहुत मधुर और मोहक हैं। हमारे जनजातियों ने प्रकृति और पर्व त्योहारों को संरक्षित रखा है। हम सबों का भी दायित्व है कि अपने परंपरा संस्कृति को बचाते रखें। राज्यपाल ने कहा कि झारखंड के 3.8 करोड़ की आबादी में 28 प्रतिशत आदिवासी हैं। सरकार द्वारा झारखंड के चौबीसों जिलों में इनके लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड के लोग बहुत परिश्रमी होते हैं और यहां की महिलाएं बहुत कर्मठ हैं, राज्य में वूमन इंपावरमेंट पर हम कार्य कर रहे हैं। हम राज्य में महिलाओं के निर्मित उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने को प्रयासरत हैं। अब हमारे आदिवासी भाई बंधु भी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि और अधिक लोग उच्च शिक्षा प्राप्त करें। हमें हमारी राष्ट्रपति और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से प्रेरणा लेनी चाहिए। जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी उच्च शिक्षा प्राप्त की। हमारे विश्वविद्यालयों और शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि युवाओं की शिक्षा को लेकर सजग रहें। राज्यपाल ने इस आयोजन के लिए राँची विश्वविद्यालय और कुलपति आरयू को धन्यवाद दिया।

छऊ, पाइका और जनी शिकार नृत्य देख अभिभूत हुए राज्यपाल, अतिथि और सभागार में उपस्थित सारे लोग।
इस कॉन्क्लेव की शुरुआत मानभूम छऊ नृत्य से किया गया जिसे सरायकेला से आये कलाकारों ने प्रस्तुत किया। महिषासुरमर्दिनी की प्रस्तुति देख मुख्य अतिथि राज्यपाल सहित पूरा सभागार अभिभूत हो गया।
इसके बाद पाइका युद्ध नृत्य प्रस्तुत की गई। पीएफ ए विभाग के द्वारा आकर्षक घोड़ा नृत्य की प्रस्तुति दी गई।
इस प्रस्तुति के बाद राज्यपाल, कुलपति तथा अतिथियों ने सभी कलाकारों के साथ तस्वीरें खिंचवाई।

वीमेंस कालेज के फैशन डिजाइनिंग पीजी डिपार्टमेंट के छात्रों ने फैशन परेड की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में झारखंडी परिधानों को दिखाया गया। राज्यपाल सह कुलाधिपति ने कुलपति व सबों के साथ कार्यक्रम में लगाए गए झारखंडी व्यंजनों तथा झारखंडी परिधानों के सभी स्टाल्स को घूमकर देखा।

इस कार्यक्रम का संचालन डिप्टी डायरेक्टर सीवीएस आरयू डॉ. स्मृति सिंह तथा नागपुरी भाषा में संचालन डॉ.सीमा प्रसाद ने किया।

इस अवसर पर ओएसडी राज्यपाल संजीव राय, कुलसचिव डॉ.मुकुंद चंद्र मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ.आशीष कुमार झा, सीसीडीसी डॉ.पी.के.झा, डीएसडब्ल्यू डॉ.सुदेश साहु, बी.आर.झा, डीएसपीएमयू के पूर्व कुलपति डॉ.उमेश मेहता, आरके शर्मा, अशोक कुमार सिंह, सहित अन्य उपस्थित थे।

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