धनबाद (खबर आजतक):- धनबाद, रेफरल अस्पतालों में कैशलेस सुविधा मिलना चाहिए, लेकिन कई अस्पताल विभिन्न संसाधनों के लिए पीड़ित रेलकर्मियों से पैसा वसूल रहे हैं। इस बावत अनेकों बार रेल प्रशासन को जानकारी दी गई है और इलाजरत कर्मियों को इस शोषण से छुटकारा दिलाने की मांग रखी गई है फिर भी कोई राहत नहीं मिल रही है।उक्त जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के अपर महामंत्री सह धनबाद मंडल के पी एन एम प्रभारी मो ज़्याऊद्दीन ने बताया कि धनबाद मंडल राजस्व अर्जित करने में भारतवर्ष में अग्रणी स्थान रखता है। यहाँ के कर्मचारी सीमित सुविधाओं के बावजूद मंडल की उन्नति और संरक्षित परिचालन के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं। लेकिन कर्मचारियों को मिलने वाली बुनियादी सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन गंभीर प्रयास नहीं कर रहा है।विभिन्न अस्पतालों में न तो चिकित्सक हैं, न जरूरी दवाईयां हैं और न ही आवश्यक संसाधन। सेक्शन के किसी भी अस्पताल में न एम्बुलेंस हैं और न ही पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं । दूसरी तरफ, बहुत से रेलकर्मी वर्षों से बीमार और शारीरिक अस्वस्थता के कारण अपने कार्य को कर पाने से अक्षम हो गए हैं लेकिन चिकित्सा विभाग को अनेकों बार इस दिशा में निर्णायक कदम उठाने का आग्रह करने के बाद भी कोई सकारात्मक प्रक्रिया नहीं की गई है। ऐसे में प्रभावित कर्मचारी की अपनी सभी छुट्टियां समाप्त हो जाने के कारण वेतन भी नहीं मिल पा रहा है और भिखारियों सी जिन्दगी जीने के लिए मजबूर हैं।उन्होंने बताया कि ईसीआरकेयू ने मंडल की नीतिगत निर्णयों को लागू करने वाली सर्वोच्च फोरम पी एन एम में बार बार महत्वपूर्ण स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक और पारा मेडिकल कर्मचारी के पदस्थापना और रेलकर्मियों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग को दुहराया है। सी आई सी सेक्शन की भौगोलिक जटिलताओं के आलोक में रांची स्थित विशेषज्ञ अस्पतालों, वाराणसी के हेरिटेज अस्पताल, कोडरमा हजारीबाग क्षेत्र के रेलकर्मियों के लिए हजारीबाग स्थित आरोग्यम अस्पताल तथा धनबाद के लिए अन्य उपयुक्त अस्पतालों के साथ रेफरल अनुबंध करने की मांग पर मंडलीय चिकित्सा विभाग अबतक निष्क्रिय है। फलस्वरूप अधिकांश रेलकर्मियों को इलाज के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है और काफी आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ रहा है।मो ज़्याऊद्दीन ने कहा कि प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी सहमति जताते हुए संबंधित मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दिशा निर्देश दिए हैं परंतु ऐसा प्रतीत होता है कि पूरा चिकित्सा विभागीय तंत्र घोर निंदा में सोया हुआ है। नीचे के कर्मचारियों में से कुछ लोग रेलकर्मियों के आर्थिक शोषण में लिप्त हैं। कुछ अस्पतालों में पदस्थापित कर्मचारी अपने को ही सर्वोपरि समझते हुए इलाज के लिए आने वाले रेलकर्मियों के साथ अशिष्ट व्यवहार करते हैं। मेडिकल विभाग के ऐसे उपेक्षापूर्ण व्यवहार और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के ढुलमुल रवैये के खिलाफ ईसीआरकेयू की सभी शाखाओं द्वारा जल्द ही सभी रेल अस्पतालों सहित मंडलीय अस्पताल के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए आंदोलन किया जाएगा! अपर महामंत्री सह पी एन एम प्रभारी मो ज़्याऊद्दीन, सहायक महामंत्री ओमप्रकाश,केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह एआईआरएफ के जोनल सेक्रेटरी ओ पी शर्मा सहित सभी शाखा सचिव और शाखा पदाधिकारियों ने अपनी सहमति जताई है,मौके पर बसंत दुबे नेताजी सुभाष,एन के खवास,सोमेन दत्ता,परमेश्वर कुमार,सी पी पांडेय,बी बी सिंह,महेन्द्र प्रसाद महतो,अजीत कुमार,सुनील कुमार सिंह,आर एन चौधरी,बी के झा,इंद्र मोहन सिंह,और बी के साव, प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।