बोकारो (ख़बर आजतक): रविवार को चास स्थित मानव अधिकार मिशन हजारीबाग प्रमंडल कार्यालय मे अध्यक्ष करण सिंह चौधरी की अध्यक्षता में अंतर्राष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस मनाया गया. दरअसल 1948 में आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र सामान्य महासभा द्वारा मानव अधिकारों को अपनाने की घोषणा की गई थी लेकिन आधिकारिक तौर पर 1950 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने10 दिसंबर के दिन मानवाधिकार दिवस मनाने की घोषणा की थी. मानवाधिकार दिवस को मनाने का उद्देश्य है कि विश्व के सभी लोग सुरक्षित महसूस कर सकें और भेदभाव रहित स्वतंत्रतापूर्ण जीवन जी सके. मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक व शिक्षा का अधिकार भी शामिल है. कार्यक्रम में मानव हितों की रक्षा के बारे में चर्चा की गई एवं अपने संगठन को मजबूत करने हेतु आवश्यक बिंदु पर चर्चा हुई. मौके पर महामंत्री आशीष कुमार माहथा ने कहा कि जरूरतमंद लोगो को समाज में न्याय देने के लिए सभी को तत्पर रहना होगा तथा आगामी जनवरी 2024 को संगठन वार्षिक सम्मेलन सेक्टर 1 सिटी पार्क में रखने का निर्णय लिया गया है, कार्यक्रम में संजय कुमार कक्कर, अखिलेश शर्मा, ज्योतिर्मय डे राणा, शिव कुमारी, अशोक जगनानी, संजय कुमार पटनायक, राहुल कुमार, प्रकाश कुमार मौजूद रहे.
1993 में भारत में अमल में लाया गया मानवाधिकार कानून
वहीं भारत में 28 सितंबर 1993 को मानवाधिकार कानून को अमल में लाया गया था और 12 अक्टूबर, 1993 को ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ का गठन किया गया था. मानवाधिकार भारतीय संविधान के भाग-3 में मूलभूत अधिकारों के नाम से उल्लेखित हैं. इन अधिकारों का उल्लंघन करने वाले या हनन करने वाले को कानून में सजा का प्रावधान भी है. गौरतलब है कि मानवाधिकार दिवस हमारे समुदायों में मानव अधिकारों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने और महामारी के बाद फिर से निर्माण करने के लिए दुनिया भर में एकजुटता का एक बड़ा अवसर है.