अंतर सदन बाल विज्ञान, बाल अधिकार, रोबोटिक्स, क्विज और आईटी प्रतियोगिताएं आयोजित
बोकारो (ख़बर आजतक) : विद्यार्थियों की वैज्ञानिक व रचनात्मक प्रतिभा निखारने के उद्देश्य से डीपीएस बोकारो में दो-दिवसीय अंतर सदन विज्ञान प्रदर्शनी एवं बाल अधिकार प्रतियोगिता – सृजन का आयोजन किया गया। इसका समापन गुरुवार को हुआ। नवाचार और सृजनशीलता के इस उत्सव में लगभग 150 छात्र-छात्राओं ने जहां अपने प्रदर्शों के माध्यम से अपनी प्रतिभा प्रदर्शित की, वहीं बाल अधिकारों को लेकर अपनी आवाज भी मुखर की। जूनियर और सीनियर वर्गों में विज्ञान प्रदर्शनी, बाल अधिकार और रोबोटिक्स प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता को मिलाकर कुल 42 स्टॉल लगाए गए। कार्यक्रम के तहत रोबोटिक्स, क्विज और आईटी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं।
प्रतियोगिता का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि आईआईटी आईएसएम धनबाद के विभागाध्यक्ष (यांत्रिकी) डॉ. सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने किया। बारी-बारी से सभी स्टॉलों का निरीक्षण करने के उपरांत अपने संबोधन में प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों की मुक्तकंठ से सराहना करते हुए उन्होंने ऐसे आयोजनों की महत्ता रेखांकित की। उन्होंने कहा कि विद्यालय की कक्षा के बाहर भी ज्ञान की असीम संभावनाएं हैं। नवोन्मेषी युवाओं के बूते ही हम वर्ष 2047 के विकसित भारत का सपना साकार कर सकते हैं। इसके लिए विद्यार्थियों में नवाचार और तकनीकी कौशल का विकास आवश्यक है। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. ए एस गंगवार ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना के विकास के लिए ऐसे आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए समग्र विकास की दिशा में डीपीएस बोकारो की कटिबद्धता व्यक्त की।
सतत विकास के लिए विज्ञान एवं तकनीक विषयवस्तु पर आयोजित अंतर सदन विज्ञान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता में ईको हार्वेस्टिंग, सोलर वाटर प्यूरिफिकेशन, ग्रीन सिनर्जी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग आदि, बच्चों के कल्याण व उनकी खुशहाली विषयवस्तु पर आयोजित बाल अधिकार प्रतियोगिता में विद्यार्थियों पर तनाव, सोने से होनेवाली परेशानियों के निदान, नशामुक्ति, छात्राओं के साथ अमानवीयता आदि प्रस्तुतियों से प्रतिभागियों ने सभी की सराहना पाई। वहीं, रोबोटिक्स में रोबोट के जरिए सामान ढोने, रोबो-वार और विभिन्न प्रोजेक्ट आकर्षण का केंद्र रहे। विज्ञान प्रदर्शनी सह प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में गंगा हाउस के मॉडल अ सर्ज ऑफ लाइफ को प्रथम, जमुना हाउस के सनशाइन फॉर सेफ सिप्स को द्वितीय एवं झेलम के अल्गी डिसर्नमेंट को तृतीय स्थान मिला। सीनियर में रावी सदन के स्मार्ट होम प्रोजेक्ट को पहला, गंगा के ड्रॉप कवर होल्ड को दूसरा तथा झेलम के इको ब्रिक्स फॉर इको रोड को तीसरा स्थान मिला। अंतर सदन बाल अधिकार प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में चेनाब हाउस के जीवंत सपने, जमुना सदन के निंद्रा-हानि तथा गंगा हाउस के हौसलों की उड़ान को क्रमशः पहला, दूसरा एवं तीसरा स्थान मिला। सीनियर में सतलज हाउस के डिजिटल युग में दबाव व तनाव को प्रथम एवं जमुना सदन के सपनों की उड़ान को द्वितीय तथा चेनाब हाउस के विचार-संचार-विकास और रावी हाउस के बच्चों के लिए मूल अधिकार मॉडल को संयुक्त रूप से तृतीय स्थान मिला।
इसी प्रकार, हमारे आसपास की समस्याओं के नवाचारी समाधान विषयवस्तु पर आयोजित अंतर सदन रोबोटिक्स कंपटीशन के जूनियर वर्ग में में रावी हाउस के हाइड्रोफोनिक्स- प्लांट ग्रोथ चैंबर एवं चेनाब के एडवांस्ड मल्टीपर्पस एग्रीकल्चर सिस्टम को संयुक्त रूप से प्रथम, झेलम के इंडो इनवाइस एवं सतलज के आटो ब्राइट स्ट्रीट को साझा रूप से द्वितीय तथा गंगा सदन के स्मार्ट वैक्यूम क्लीनर एवं ऑटोमैटेड फायर एक्सटिंग्विशर दोनों ही मॉडल को तृतीय स्थान मिला। सीनियर में झेलम हाउस के प्रोटोटाइप नियो, सतलज के वाटर प्यूरीफायर एंड प्योरिटी चेकर तथा गंगा हाउस के ड्युअल एक्सिस सोलर ट्रैकिंग सिस्टम को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान मिला। सीनियर वर्ग की रोबोट-नियंत्रण संबंधी स्पर्धा में झेलम सदन प्रथम, सतलज द्वितीय एवं गंगा हाउस तीसरे स्थान पर रहे। जूनियर कैटेगरी की पिक एंड प्लेस स्पर्धा में गंगा, झेलम और चेनाब तथा रोबो-वार में गंगा, रावी और सतलज ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। जबकि, आईटी कंपटीशन के जूनियर वर्ग में झेलम सदन के मनीष रंजन, जमुना के अथर्व तिवारी और गंगा के अथर्व कुमार तथा सीनियर में जमुना हाउस के अमृत राज, गंगा सदन के पलक्ष सिंह और रावी हाउस के सर्वज्ञ सिंह ने क्रमशः पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। अंतर सदन क्विज प्रतियोगिता में (सीनियर) में झेलम सदन ने प्रथम, जमुना ने द्वितीय एवं चेनाब हाउस ने तृतीय स्थान पाया। प्रतियोगिता के निर्णायकों में आईआईटी आईएसएम के सहायक प्राध्यापक डॉ. ज़फर आलम व अरुण दयाल उदय, बीआईटी मेसरा के सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रियांक सक्सेना, डॉ. विनय कुमार तथा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, झारखंड के महासचिव पीआरके वर्मा शामिल थे। प्राचार्य डॉ. गंगवार ने मुख्य अतिथि एवं सभी निर्णायकों को स्मृतिचिह्न भेंटकर उन्हें सम्मानित किया।