रतन कुमार सिन्हा, तेनुघाट
तेनुघाट (ख़बर आजतक) : तेनुघाट व्यवहार न्यायालय परिसर में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) मनोज कुमार प्रजापति की अध्यक्षता में “नेशन फॉर मिडिएशन” अभियान को लेकर मध्यस्थ अधिवक्ता, पैनल अधिवक्ता और अन्य अधिवक्ताओं की एक अहम बैठक आयोजित की गई।

बैठक में एसीजेएम श्री प्रजापति ने कहा कि इस अभियान के तहत मध्यस्थ अधिवक्ताओं द्वारा पक्षकारों के बीच समझौता कराकर मुकदमों का निष्पादन सफलतापूर्वक किया जा रहा है, जो न्यायपालिका के लिए एक सराहनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि “मैं इस कार्य में जुटे अधिवक्ताओं को बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि भविष्य में और अधिक मामलों का मध्यस्थता के जरिए निष्पादन होगा।”
उन्होंने मध्यस्थ अधिवक्ताओं व पैनल अधिवक्ताओं को सफल मध्यस्थता की प्रक्रिया से जुड़ी न्याय संगत जानकारी साझा की और पीएलवी (पैरा लीगल वालंटियर्स) को निर्देश दिया कि वे मध्यस्थता से संबंधित सभी नोटिसों को सही व्यक्ति तक समय से पहुंचाएं, ताकि कोई मामला लंबित न रहे।
बैठक में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला ने चेक बाउंस मामलों में समझौते की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला, वहीं न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय ने बताया कि अपराध से जुड़े मामलों में कैसे दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए समझौते के लिए तैयार किया जा सकता है।
मुंसिफ शिवराज मिश्रा ने भूमि विवादों में मध्यस्थता की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि समझौते के जरिए भूमि विवादों को जटिल मुकदमेबाजी से बचाया जा सकता है।
इस अवसर पर मध्यस्थ अधिवक्ताओं ने भी अपनी वर्तमान समस्याएं और चुनौतियां साझा कीं, साथ ही समाधान के सुझाव भी रखे।
बैठक में राम बल्लभ महतो, तपन कुमार दे, बैद्यनाथ शर्मा, राजीव कुमार तिवारी, सुभाष कटरियार, अरुण सिंह, बलविंदर सिंह, जीवन सागर, कल्याणी, दीपक कुमार गुप्ता, कृष्णा रजक, उपासी कुमारी, वीणा देवी और अतिशय समेत कई अधिवक्ता एवं न्यायिक कर्मी उपस्थित थे।
यह बैठक न्यायिक प्रक्रिया को सरल, त्वरित और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।