अवैध कोयला खनन में कॉर्पोरेट – प्रशासनिक गठजोड़ की निष्पक्ष जाँच की माँग
नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): कोयलांचल क्षेत्र में हो रहे जबरन विस्थापन, अवैध खनन और स्थानीय लोगों के अधिकारों पर मंडराते खतरे को लेकर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने तीखा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि विस्थापित परिवारों को न्यायपूर्ण मुआवज़ा और सम्मानजनक पुनर्वास सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। साथ ही RR AC Act 2013 को सख़्ती से लागू कर आदिवासी व स्थानीय लोगों की ज़मीन, आजीविका और संस्कृति की रक्षा की जानी चाहिए।

अंबा प्रसाद ने जंगल भूमि के फॉरेस्ट डाइवर्ज़न पर तत्काल रोक लगाने की माँग करते हुए आरोप लगाया कि विस्थापितों की मदद करने के बजाय स्थानीय स्तर के कुछ भ्रष्ट अधिकारी अवैध खनन में लगे हैं। उन्होंने कहा कि इस खेल में शामिल कॉर्पोरेट माफिया और प्रशासनिक अधिकारियों का गठजोड़ संसाधनों की खुली लूट में सक्रिय है।
उन्होंने कहा कि “हमारे ही ज़मीन से हमें जबरन भगाया जा रहा है, ताकि यहां के संसाधनों को लूटा जा सके। कॉर्पोरेट माफिया और भ्रष्ट अधिकारी ऐशो-आराम की ज़िंदगी जी रहे हैं, जबकि विस्थापित परिवार दर-दर भटक रहे हैं। सैकड़ों परिवार अपनी समस्याएँ लेकर मेरे पास आते हैं। मैं जानती हूं कि इस लड़ाई की क़ीमत मुझे चुकानी पड़ेगी, लेकिन हम अपने लोगों के लिए हर चुनौती का सामना करेंगे।”
विधायक अंबा प्रसाद ने दोहराया कि कोयलांचल के जल- जंगल- ज़मीन की लड़ाई में वे और उनका परिवार झुकने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अवैध खनन पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी चिंता जता चुके हैं और कई बार उच्च पदाधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर भ्रष्ट अधिकारियों और कॉर्पोरेट गठजोड़ के कारण हालात नहीं बदल रहे। अंबा प्रसाद ने बताया कि जल्द ही वे मुख्यमंत्री को इस गठजोड़ के बारे में विस्तृत जानकारी और सबूत सौंपेंगी, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो सके।
अंबा प्रसाद ने चेतावनी दी कि जब तक विस्थापितों को न्यायपूर्ण मुआवज़ा, सम्मानजनक पुनर्वास और सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती, वे संघर्ष जारी रखेंगी और हर दमन का सामना करने को तैयार हैं।