नितीश मिश्रा, राँची
राँची (ख़बर आजतक) : केंद्रीय धुमकुड़िया भवन में मुख्य पहान जगलाल पहान की अध्यक्षता में विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों की बैठक हुई। बैठक में बोरियो निवासी सूर्या हांसदा की मौत पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने कहा कि सूर्या हांसदा एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता थे, जिन्होंने लगातार सरकार के गैरकानूनी कार्यों के खिलाफ आवाज उठाई। इसी कारण उन्हें साजिश के तहत कुख्यात अपराधी करार देकर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया।

संगठनों ने कहा कि यह हत्या केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे आदिवासी समाज और जनआंदोलन की हत्या है। बैठक में रूपा तिर्की, उमेश कछप, संध्या टोपनो, सुभाष मुंडा और अनिल टाइगर की घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा गया कि सरकार विरोध की आवाज दबाने का काम कर रही है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सूर्या हांसदा को न्याय दिलाने के लिए 23 अगस्त को राजभवन मार्च किया जाएगा।
बैठक में जगलाल पहान, बबलू मुंडा, महादेव टोप्पो, संदीप उरांव, आरती कुजूर, पिंकी खोया, सोमा उरांव, अनीता गाड़ी, रवि मुंडा, नमित हेमरोम, सनी टोप्पो, सोनी हेंब्रम, रितेश उरांव, कमलेश राम, मुन्ना टोप्पो, रोशन मुंडा, सत्यदेव मुंडा, आशीष मुंडा, संतोष मुंडा, मुकेश भगत, नीलकंठ मुंडा, बुधराम बेदिया, उर्मिला उरांव, रूपन कुजूर, सुनीता तिर्की, बंधन तिर्की आदि मौजूद थे।