रांची: झारखंड आंदोलनकारी नेताओं और आजसू ने राज्य की रजत जयंती पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। पार्टी ने कहा कि एनडीए शासनकाल में विकास तेज था, लेकिन पिछले छह वर्षों में राज्य 25 वर्ष पीछे चला गया है। नेताओं ने आरोप लगाया कि झारखंड निर्माण के मूल उद्देश्य—स्थानीय नीति, नियोजन नीति, आरक्षण, विस्थापन और बेरोजगारी—अब भी अनसुलझे हैं।
मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने कहा कि खनिज संपदा देने वाला प्रदेश गरीबी, पलायन और बेरोजगारी से जूझ रहा है। उपाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग क्षेत्र ठप हैं और घोषित 5 लाख रोजगार में से 1 लाख भी नहीं मिले।
हसन अंसारी ने आंदोलनकारियों के साथ धोखा, भ्रष्टाचार, अवैध वसूली और अफसरशाही हावी होने का आरोप लगाया।
