बोकारो (ख़बर आजतक) : हरियाणा के दलित आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की आत्महत्या ने देशभर में गहरी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। इस दर्दनाक घटना को जातिगत उत्पीड़न का परिणाम बताया जा रहा है। सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों और आम नागरिकों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और कहा कि यदि एक ईमानदार अधिकारी भी भेदभाव के कारण असुरक्षित महसूस करता है, तो यह व्यवस्था की गंभीर विफलता है।

बोकारो में विभिन्न संगठनों ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने याद दिलाया कि जब देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) पर जूता फेंका गया, तब सोशल मीडिया पर दलितों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणियां हुई थीं, जो शर्मनाक हैं।

इसी कड़ी में बुधवार को बोकारो सेक्टर-4 में स्थानीय सामाजिक संगठनों और छात्र समूहों ने कैंडल मार्च निकाला। प्रतिभागियों ने मोमबत्तियों के साथ न्याय की मांग की और जातीय भेदभाव के खिलाफ नारे लगाए। इस अवसर पर भोलू पासवान, पूर्व मेयर, आरजेडी नेता घनश्याम चौधरी और एसटी/एससी फेडरेशन के एम.के. अभिमन्यु ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।