बोकारो (ख़बर आजतक) : शनिवार को चिन्मय विद्यालय में हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के कोषाध्यक्ष आर.एन.मल्लिक, प्राचार्य सूरज शर्मा , उप प्राचार्य नर्मेंद्र सिंह के द्वारा संयुक्त रुप से सरस्वती माता की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन व माल्यार्पण कर किया गया। शिक्षकों को संबोधित करते हुए श्री मल्लिक ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाए हुए है।
शिक्षकों को हिंदी साहित्य लेखन में रुचि लेनी चाहिए, जिससे इस भाषा को और प्रसारित व संवर्धित किया जा सके। सूरज शर्मा ने कहा कि माता, मातृभूमि और मातृभाषा का सम्मान हमें हमेशा करना चाहिए । हिंदी हमें राष्ट्रीयता से जोड़ती है और देश प्रेम की भावना से उत्प्रेरित भी करती है। भारत की भाषाई विविधता को जोड़ने का माध्यम हिंदी है। हिंदी समावेशी, सरल और स्पष्ट भाषा है।
वरीय अध्यापिका डॉ. नमिता शर्मा की स्वरचित देश भक्ति कविता से काव्य गोष्ठी की शुरुआत हुई। उसके बाद पूजा सिंह ने “भारत की पहचान”, मनोज तिवारी ने “कवियों के प्रकार”, अल्पना सिंह ने “आज की नारी”, आरती कुमारी ने “मेरा मन” शीर्षक पर अपनी स्वरचित कविताओं से सबों को प्रभावित किया।अभिनव बर्मन , आभा सिंह , रीना सिंह, अंकिता पाठक ने भी अपनी स्वरचित कविता से सभी को प्रफुल्लित कर दिया ।कार्यक्रम में मंच संचालन डॉली झा और धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी विभागाध्यक्ष पूजा सिंह के द्वारा किया गया। इस दौरान अकादमिक पर्यवेक्षक विकास परिधारिया, अकादमिक पर्यवेक्षिका रश्मि सिंह, रश्मि शुक्ला, सुबल प्रसाद झा, रवि कुमार सहित अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएँ उपस्थित रहे।