नितीश_मिश्र
राँची(खबर_आजतक): परशुराम जन्मोत्सव व अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर शुक्रवार को डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय कैंपस में भगवान परशुराम का माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में सब इंस्पेक्टर प्रभात कुमार जो कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के पूर्ववर्ती छात्र ने भगवान परशुराम के चित्र के ऊपर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस कार्यक्रम के अन्य अतिथि के रूप में नीरज कुमार छात्र संघ अध्यक्ष राँची विश्वविद्यालय उपस्थित थे। जिन्होंने कहा कि भगवान परशुराम विष्णु के छठे ‘आवेश अवतार’ भगवान परशुराम का जन्म सतयुग और त्रेता के संधिकाल में 5142 वि.पू. वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन-रात्रि के प्रथम प्रहर प्रदोष काल में हुआ था।
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में रात्रि के प्रथम प्रहर में 6 उच्च के ग्रहों से युक्त मिथुन राशि पर राहु के स्थित रहते माता रेणुका के गर्भ से भृगु ऋषि के कुल में परशुराम का प्रादुर्भाव हुआ था। त्रैतायुग से द्वापर युग तक परशुराम के लाखों शिष्य थे।
महाभारतकाल के वीर योद्धाओं भीष्म, द्रोणाचार्य और कर्ण को अस्त्र-शस्त्रों की शिक्षा देने वाले गुरु, शस्त्र एवं शास्त्र के धनी ॠषि परशुराम का जीवन संघर्ष और विवादों से भरा रहा है।
इस कार्यक्रम का सफल आयोजन के लिए गौरव भूमिहार को विशेष योगदान रहा।
इस कार्यक्रम में विभिन्न छात्र छात्राएँ एवं छात्र नेता उपस्थित थे।